18 विपक्षी पार्टियांं संसद भवन से ईडी कार्यालय तक विरोध मार्च निकाल रही है. इस मार्च को संसद के बाहर ही रोक लिया गया है. पुलिस ने धारा 144 का हवाला देते हुए मार्च को रोका है. विपक्ष इस मार्च के ज़रिए अडानी मामले में जांच के लिए ईडी को शिकायत सौंपने चाहता था.
मार्च को रोके जाने से नाराज़ कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि, “सरकार जानती है कि अगर उन्होंने हमारी JPC की मांग को मान लिया तो जनता के सामने उनकी धज्जियां उड़ जाएगी. भाजपा के सभी भ्रष्टाचार आम लोगों के सामने साबित हो जाएंगे: अडानी मामले पर JPC जांच की मांग पर.”
वहीं कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि, “हम अडानी मामले में ज्ञापन सौंपने के लिए ईडी जा रहे हैं लेकिन सरकार हमको विजय चौक के पास भी नहीं जाने दे रही. जो लोग अपने पैसे सरकार के विश्वास के साथ बैंक में रखते हैं वही पैसे सरकार एक व्यक्ति को सरकार की संपत्ति खरीदने के लिए दे रही है.” खड़ने ने कहा कि 200 लोगों को रोकने के लिए सरकार ने 2000 पुलिसवालों का इस्तेमाल किया है.
हलांकि अस विपक्षी दलों के मार्च में एनसीपी और टीएमसी के सांसद शामिल नहीं है.
आपको बता दें, सुबह इस मामले में रणनीति बनाने के लिए विपक्षी नेताओं ने संसद भवन परिसर में राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के कार्यालय में मुलाकात की थी.
आपको याद दिला दें, कई विपक्षी दलों के सांसद पहले ही अडानी-हिंडनबर्ग मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच को लेकर अड़ा हुआ है.
दिल्ली: राज्यसभा सांसद और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के संसद कक्ष में अडानी विवाद को लेकर बैठक चल रही है। https://t.co/Pz2FZYpEJ0 pic.twitter.com/92GgaIaZix
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 15, 2023
विपक्षी नेताओं के इस विरोध मार्च को देखते हुए ईडी कार्यालय के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई.
संजय राउत ने कहा बीजेपी दूध की धुली नहीं है
ईडी दफ्तर तक मार्च को लेकर उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने कहा कि, “ये मार्च जरूरी है,ये ईडी कार्यालय की तरफ हमारा प्रतिनिधित्व होगा. जिस तरह से देश में BJP की सरकार अपने राज्य के विरोधियों को टारगेट कर रही हैं जैसे कि सत्ताधारी लोग दूध के धुले हैं. हमारे जैसे लोग जो उनसे सवाल करते हैं उन्हें वो टारगेट करते हैं.”