JPC meeting on Waqf Bill: मंगलवार को वक्फ विधेयक पर संयुक्त समिति की बैठक से विपक्षी नेताओं ने वॉकआउट किया. नेताओं ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी के एक सदस्य ने उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की है.
#WATCH दिल्ली: वक्फ बिल पर संयुक्त संसदीय समिति की बैठक से विपक्षी नेताओं ने वॉकआउट किया। pic.twitter.com/tK7H4MVVJ5
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 15, 2024
विपक्ष ने लगाया बीजेपी पर अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप
वॉकआउट करने वाले नेताओं में संजय सिंह, कल्याण बनर्जी, गौरव गोगोई, ए राजा, मोहम्मद अब्दुल्ला और अरविंद सावंत सहित कई विपक्षी सांसद शामिल थे. विपक्षी सदस्यों ने संसदीय समिति की बैठक से गुस्से में बाहर निकलते हुए देखा गया. जिस वक्त ये घटना हुई उस वक्त समिति वक्फ (संशोधन) विधेयक पर अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के प्रतिनिधियों की प्रस्तुति सुन रही थी.
करीब एक घंटे के बाद विपक्षी नेता बैठक से में फिर से शामिल हुए. हालांकि, भाजपा सदस्यों ने दावा किया कि विपक्षी सदस्य समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल को गाली दे रहे थे.
यह लगातार दूसरा दिन है जब विपक्षी सदस्य मतभेदों के चलते बैठक से बाहर चले गए.
JPC meeting on Waqf Bill: सोमवार को विपक्षी सांसदों ने बैठक का बहिष्कार किया था
सोमवार को कई विपक्षी सांसदों ने बैठक का बहिष्कार किया और आरोप लगाया कि समिति नियमों के अनुसार काम नहीं कर रही है. इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर एक गवाह ने वक्फ भूमि घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया था. संसद की संयुक्त समिति की लंबी बैठकों में भाजपा और विपक्षी सदस्यों के बीच तीखी नोकझोंक हुई और सोमवार को स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई, जब विपक्षी सदस्यों ने मुस्लिमों से संबंधित कानून पर गवाही के लिए हिंदू समूहों के सदस्यों को बुलाने के पीछे के औचित्य पर सवाल उठाया.
कर्नाटक राज्य अल्पसंख्यक आयोग और कर्नाटक अल्पसंख्यक विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष अनवर मणिपदी के बयान के विरोध में विपक्षी सांसदों ने बैठक से वॉकआउट किया. वे कर्नाटक भाजपा के पूर्व उपाध्यक्ष भी हैं. मणिपदी ने खड़गे और रहमान खान समेत कर्नाटक के कई कांग्रेस नेताओं और अन्य पर वक्फ संपत्तियों के गबन में कथित संलिप्तता का आरोप लगाया.
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, विपक्षी सांसदों ने संसदीय समितियों की कार्यवाही को विनियमित करने वाले नियमों का हवाला देते हुए दावा किया कि इन समितियों की बैठकों में “उच्च गणमान्य व्यक्तियों” के खिलाफ “अप्रमाणित आरोप” नहीं लगाए जा सकते. उन्होंने कहा कि मणिपड्डी ने मुसलमानों से विधेयक का विरोध न करने की अपील भी की, जो भी अनुचित था.
एक विपक्षी सांसद ने कहा कि किसी ऐसे व्यक्ति पर आरोप नहीं लगाए जा सकते जो अपना बचाव करने के लिए मौजूद नहीं है.
हालांकि, समिति के अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता जगदंबिका पाल ने उनकी आपत्तियों को खारिज कर दिया और गवाही जारी रखने की अनुमति दी. जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महमूद मदनी भी समिति के समक्ष पेश हुए. उनका संगठन वक्फ विधेयक में प्रस्तावित संशोधनों का विरोध करता रहा है.
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