उत्तर प्रदेश में जब दूसरी बार योगी आदित्यनाथ की सरकार आई तो सीएम योगी ने सबसे ज्यादा और सुधार के लिए जो सबसे पहला कार्य क्षेत्र चुनाव वो स्वास्थ का क्षेत्र था. सीएम योगी ने पहली ही बैठक मे साफ कर दिया कि स्वास्थ सेवाओं को दुरुस्त करना उनकी प्राथमिकता मे सबसे उपर है.लचर स्वास्थ विभाग को पटरी पर लाने के लिए उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक खुद मैदान मे उतरे और पूरे राज्य में ताबड़ तोड़ दौरे किये.योगी 2.0 की सरकार में करीब 6 लाख 15 हजार 5.18 करोड़ के बजट में एक बड़ा हिस्सा स्वास्थ सेवा पर खर्च किया जाना है.
बड़ा बजट और सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय से नियंत्रित होने के बावजूद उत्तर प्रदेश में स्वास्थ सेवाओं का क्या बुरा हाल है इसका एक नमूना बलिया जिले में बांसडीह के सामुदयिक स्वास्थ केंद्र में देखने को मिला.
जमीन पर लिटा कर स्वीपर ने किया इलाज
शनिवार की सुबह एक सड़क दुर्घटना में घायल कुछ लोग सामुदायिक स्वास्थ केंद्र में लाये गये. तेज बारिश के बाद किसी तरह घायल स्वास्थ केंद्र तक पहुंचे. लेकिन वहां पहुंच कर जो नजारा दिखाई दिया वो किसी को भी परेशान करने के लिए काफी था.
क्या था पूरा मामला
दरअसल शनिवार सुबह एक सड़क हादसे में कुछ बच्चे सहित कुछ लोग घायल हो गए थे. सभी घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बांसडीह ले जाया गया जहां पर डॉक्टर की अनुपस्थिति में घायलों का इलाज अस्पताल के एक कर्मचारी द्वारा किया गया जो रिटायर्ड स्वीपर बताया जा रहा है हालांकि जिलाधिकारी का कहना है फार्मासिस्ट द्वारा इलाज किया गया जो प्रोटोकॉल के खिलाफ है. इलाज फार्मासिस्ट ने किया क्योंकि ड्यूटी पर तैनात किये गये डॉक्टर वीर बहादुर अपनी ड्यूटी से नदारत थे.
जिलाधिकारी ने दिये जांच के आदेश
मीडिया में मामला आने के बाद जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल ने पूरे मामले का संज्ञान लिया और ड्यूटी से अनुपस्थित डॉक्टर के खिलाफ कार्यवाई के निर्देश दिए हैं. मामले की जांच मुख्य चिकित्साधिकारी बलिया को सौंपी गई है .
बलिया(उत्तर प्रदेश) के बांसडीह के एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का हाल…तस्वीर खुद अपना हाल बयान कर रही है. pic.twitter.com/hcUKKwyb6y
— THEBHARATNOW (@thebharatnow) September 3, 2022