5 राज्यों में चुनाव के बाद देश में सियासी हालात तेज़ी से बदल रहे है. एक तरफ जहां बीजेपी अपनी जीत के बाद फुल कॉन्फिडेंस में नज़र आ रही है वहीं इंडिया गठबंधन फूंक-फूंक कर थोड़ा संभल कर सही लेकिन अपनी रणनीति बनाता नज़र आ रहा है. मज़ेदार बात ये है कि इस बार फिर कांग्रेस और सहयोगी दलों का समीकरण वैसा ही हो गया है जैसा हिमाचल चुनाव से पहले था. यानी 5 राज्यों के नतीजों से पहले जो कांग्रेस आसमान में उड़ रही थी अब उसके युवराज खुद फोन भी मिला रहे है और सहयोगियों के चक्कर भी लगा रहे हैं.
कांग्रेस ने फिर राहुल को किया आगे
पांच राज्यों में चुनाव से पहले जहां अशोक गहलोत, कमलनाथ और भूपेश बघेल कांग्रेस की राजनीति के चेहरे बने हुए थे…..जो सहयोगियों को अखिलेश वखिलेश तक कह रहे थे. अब वो चेहरे सब गायब हो गए है. मैदान में अब कोई है तो सिर्फ 2 लोग एक कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी. एक तरफ जहां खड़गे का गठबंधन में सम्मान है वहीं राहुल गांधी अपने ब्लू आइड बॉव्य चार्म (blue eyed boy charm) से सहयोगियों को रिझाने में लगे नज़र आते हैं.
19 दिसंबर की बैठक में उलझ गए है पेंच
दिल्ली में हुई इंडिया गठबंधन की बैठक के बारे में कहा जा रहा है कि इस बैठक में सीट शेयरिंग, साझा रैली और पीएम फेस सहित कई मुद्दों को लेकर चर्चा हुई. लेकिन न सीट शेयरिंग पर बात बन पाई ना साझा रैलियों पर. ऐसा कहा जा रहा है कि पीएम के चेहरे को लेकर तो विवाद ही हो गया जहां बंगला की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी के प्रस्ताव और अरविंद केजरीवाल की सहमती ने खड़गे के लिए पीएम पद का दरवाज़ा खोला वहीं नीतीश और लालू की नाराजगी की खबरें भी आम हो गई.
राहुल ने नीतीश कुमार को किया फोन
19 दिसंबर की मीटिंग के बाद खबर आई की नीतीश कुमार नाराज़ होकर मीटिंग से चले गए. नीतीश पटना पहुंचते उससे पहले उनके पाला बदलने की चर्चाएं होने लगी. किसी ने कहा सीट शेयरिंग नहीं होने से नाराज़ है तो किसी ने कहा प्रधानमंत्री उम्मीदवार सपना टूटने से नाराज़ है. फिर खबर आई की मीटिंग के बाद गुरुवार को राहुल ने नीतीश कुमार को फोन किया. क्या बात हुई…. ये जानने शुक्रवार को तेजस्वी नीतीश कुमार के घर पहुंच गए. घंटों चर्चा हुई बताया गया की सीट शेयरिंग को लेकर मामला चल रहा है.
शरद पवार के घर पहुंचे राहुल गांधी
इधर बिहार में मुलाकात का दौर चल ही रहा था कि दिल्ली में सुबह जंतर मंतर पर साथ विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के बाद राहुल गांधी एनसीपी प्रमुख शरद यादव के घर पहुंच गए. बताया गया की 2024 लोकसभा चुनावों में महाराष्ट्र की सीट बंटवारा पर बात हो रही है. महाराष्ट्र में कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना और शरद पवार की एनसीपी के बीच पहले से ही महाविकास अघाडी गठजोड़ है. समस्या यहीं है कि इस गठजोड़ में कांग्रेस शिवसेना और एनसीपी से छोटी पार्टी है. ऐसे में सवाल है कि महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में से किसके पास कितनी सीटें जाती हैं?
महाराष्ट्र की तरह का ही पेंच यूपी, पश्चिम बंगाल, पंजाब और दिल्ली में भी फंसा है. यहां कांग्रेस एसपी के साथ बीएसपी को भी चाहती है जबकि एसपी बीएसपी से दूर ही रहना चाहती है. इसी तरह केरल में सीपीएम अपनी सीटें कांग्रेस के गठबंधन से बांटने को तैयार नहीं है तो पंजाब और दिल्ली में केजरीवाल समझौता करने तैयार नहीं है. यानी कुल मिलाकर मामला सीट शेयरिंग पर फंस गया है.
प्रशांत किशोर को दिख रही है इंडिया गठबंधन में संभावनाएं
यानी सीट शेयरिंग और पीएम पोस्ट को लेकर फंसे इंडिया गठबंधन के हाथ अभी कुछ ही खास दिखाने को नहीं है लेकिन इनसब के बीच अगर एक अच्छी खबर उनके लिए आई है तो वो फिर बिहार से है 2014 में हर-हर मोदी घर-घर मोदी कैंपेन के रणनीतिकार और पिछले 6 महीनों से सुराज अभियान चला बिहार की खाक छान रहे प्रशांत किशोर को 2024 के लिए कांग्रेस और इंडिया गठबंधन में जीत की संभावना नज़र आने लगी है. बिहार में पानी पी-पी कर लालू नीतीश को गलियां रहे प्रशांत किशोर को अब अपनी विचारधारा कांग्रेस के सबसे करीबी नज़र आने लगी है. उन्होंने एक निजी चैनल से कहा कि हमारी विचारधारा कांग्रेस के सबसे करीब है और अब फैसला कांग्रेस को करना है. यानी एक वक्त कांग्रेस में नंबर टू की भूमिका की मांग ठुकराए जाने के बाद प्रशांत किशोर फिर कांग्रेस के दरवाज़े पर लौट आए है.
यानी रणनीति और प्रचार जिसकी अबतक इंडिया गठबंधन में अबतक सबसे ज्यादा कमी लग रही थी उसकी समस्या का तो अब समाधान होता नज़र आ रहा है लेकिन जो पिछले 1 साल ये प्रशांत किशोर लालू नीतीश और तेजस्वी कर नाम ले लेकर प्रचार कर रहे है उसके बाद कहीं ऐसा न हो कि पहले से ही नाराज़ नीतीश कुमार और लालू यादव बिहार में कांग्रेस से किनारा ही कर लें.
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