Sunday, December 22, 2024

Nitish Kumar: आरक्षण संशोधन विधेयक के बाद नीतीश के एजेंडे में बिहार के लिए विशेष दर्जे की मांग, कैबिनेट ने पास किया प्रस्ताव

बुधवार को मुख्यमंत्री Nitish Kumar ने कैबिनेट की बैठक बुलाई. इस बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. लेकिन सबसे महत्वपूर्ण था बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए केन्द्र सरकार से अनुरोध करने का प्रस्ताव जिसे कैबिनेट ने पारित किया. इसके साथ ही बिहार के सरकारी सेवकों के लिए सरकार ने महंगाई भत्ता में बढ़ोतरी की.

दरअसल, सीएम नीतीश ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके बताया है कि आज कैबिनेट की बैठक में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए केन्द्र सरकार से अनुरोध करने का प्रस्ताव पारित किया गया है. मेरा अनुरोध है कि बिहार के लोगों के हित को ध्यान में रखते हुए केन्द्र सरकार बिहार को शीघ्र विशेष राज्य का दर्जा दे.

पटना और दिल्ली की अधिकार रैली का भी किया जिक्र

इसके साथ ही नीतीश कुमार ने दिल्ली और पटना में विशेष दर्जे के लिए की गई अधिकार रैली का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा- हमलोग बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की माँग वर्ष 2010 से ही कर रहे हैं. अब इसके लिए 24 नवम्बर, 2012 को पटना के गाँधी मैदान में तथा 17 मार्च, 2013 को दिल्ली के रामलीला मैदान में बिहार को विशेष राज्य के दर्जे के लिए अधिकार रैली भी की थी. हमारी माँग पर तत्कालीन केन्द्र सरकार ने इसके लिए रघुराम राजन कमेटी भी बनाई थी, जिसकी रिपोर्ट सितम्बर, 2013 में प्रकाशित हुई थी परन्तु उस समय भी तत्कालीन केन्द्र सरकार ने इसके बारे में कुछ नहीं किया. मई, 2017 में भी हम लोगों ने विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए केन्द्र सरकार को पत्र लिखा था.

सीएम Nitish Kumar ने फेसबुक पर पोस्ट करते हुए क्या लिखा

सीएम ने फेसबुक पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि- देश में पहली बार बिहार में जाति आधारित गणना का काम कराया गया है. जाति आधारित गणना के सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक स्थिति के आंकड़ों के आधार पर अनुसूचित जाति के लिये आरक्षण सीमा को 16 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति के लिये आरक्षण की सीमा को 1 प्रतिशत से बढ़ाकर 2 प्रतिशत, अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लिये आरक्षण की सीमा को 18 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत तथा पिछड़ा वर्ग के लिये आरक्षण की सीमा को 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है अर्थात सामाजिक रूप से कमजोर तबकों के लिये आरक्षण सीमा को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 प्रतिशत कर दिया गया है. सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिये 10 प्रतिशत आरक्षण पूर्ववत लागू रहेगा. अर्थात इन सभी वर्गों के लिए कुल आरक्षण की सीमा को बढ़ाकर 75 प्रतिशत कर दिया गया है. जाति आधारित गणना में सभी वर्गों को मिलाकर बिहार में लगभग 94 लाख गरीब परिवार पाये गये हैं, उन सभी परिवार के एक सदस्य को रोजगार हेतु 2 लाख रूपये तक की राशि किश्तों में उपलब्ध करायी जायेगी.

63,850 आवासहीन एवं भूमिहीन परिवारों को जमीन क्रय के लिए दी जा रही 60 हजार रूपये की राशि की सीमा को बढ़ाकर 1 लाख रूपये कर दिया गया है. साथ ही इन परिवारों को मकान बनाने के लिए 1 लाख 20 हजार रूपये दिये जायेंगे. जो 39 लाख परिवार झोपड़ियों में रह रहे हैं उन्हें भी पक्का मकान मुहैया कराया जायेगा जिसके लिए प्रति परिवार 1 लाख 20 हजार रूपये की दर से राशि उपलब्ध करायी जायेगी. सतत् जीविकोपार्जन योजना के अन्तर्गत अत्यंत निर्धन परिवारों की सहायता के लिए अब 01 लाख रूपये के बदले 02 लाख रूपये दिये जायेंगे. इन योजनाओं के क्रियान्वयन में लगभग 2 लाख 50 हजार करोड़ रूपये की राशि व्यय होगी.

हमारी माँग पर तत्कालीन केन्द्र सरकार ने इसके लिए रघुराम राजन कमेटी भी बनाई थी जिसकी रिपोर्ट सितम्बर, 2013 में प्रकाशित हुई थी परन्तु उस समय भी तत्कालीन केन्द्र सरकार ने इसके बारे में कुछ नहीं किया.

ये भी पढ़ें-Baba Ramdev: योग गुरु की IMA को खुली चुनौती, कहा- सुप्रीम कोर्ट के सामने…

Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.

Latest news

Related news