बिहार की राजनीति इस वक्त एक्टिव मोड पर है. 2024 और 2025 चुनाव के मद्देनज़र अभी से ही राजनेता अपनी राजनीतिक ज़मीन तलाशने में लगे है. कोई आरोप लगाकर सुर्ख़ियों में छा रहा तो कोई पक्ष विपक्ष की तकरार से. ऐसे में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान अपने चाचा पर बार बार निशाना साधकर सुर्ख़ियों में आ रहे हैं. इसी कड़ी में रविवार को चिराग ने अपने चाचा और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्री पारस भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन में उनकी एंट्री पर सवाल उठाकर राजग यानी (NDA) की छवि खराब कर रहे हैं. मीडिया से बात करते हुए चिराग ने अपने चाचा को हाल ही में दिल्ली में हुई एनडीए की बैठक में पीएम मोदी द्वारा किए गए स्वागत की याद दिलाई.
सिर्फ इतना ही नहीं चिराग पासवान ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री द्वारा सबके सामने मुझे गले लगाए जाने के कुछ ही दिनों बाद उन्हें इस तरह के बयान देते हुए सुनना हैरान करने वाला है. इस तरह के बयान गठबंधन को बदनाम करते हैं.’ दरअसल लोजपा के दिवंगत अध्यक्ष राम विलास पासवान की मौत के बाद से उनकी विरासत को लेकर पशुपति पारस और चिराग में काफी खींचतान चली थी और बाद में पार्टी दो गुटों में विभाजित हो गई. चिराग ने कहा, ‘जब मैं अपने पिता की मृत्यु के बाद कठिन दौर से गुजर रहा था. तो प्रधानमंत्री मोदी ने मुझे सहारा दिया. यही कारण है कि जब मैं औपचारिक रूप से एनडीए का हिस्सा नहीं था तब भी मैंने कभी उनके खिलाफ नहीं बोला.
इसी बीच चिराग पासवान ने प्रधानमंत्री को लेकर भी बड़ा बयान दिया उन्होंने कहा कि ‘प्रधानमंत्री के साथ मेरा बहुत सुंदर रिश्ता है, यही कारण है कि मैंने पिछले साल कुछ विधानसभा सीटों के उपचुनाव में भाजपा के लिए प्रचार किया था, हालांकि मैं उस समय एनडीए में नहीं था.’ जमुई के सांसद चिराग ने यह भी कहा कि वह चाचा पारस से अपने दिवंगत पिता के संसदीय क्षेत्र हाजीपुर के बारे में बात करने के लिए तैयार हैं, जिसका प्रतिनिधित्व उनके चाचा लोकसभा में करते हैं और जिस पर वह दावा करना चाहते हैं.
इस बीच चिराग पासवान ने बिहार की सुशासन की सरकार के मुखिया नीतीश कुमार को भी नहीं बक्शा। चिराग ने गया में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा ‘मेरे परिवार में दरार पैदा करके मुझे राजनीतिक रूप से खत्म करने की कोशिश की गई, जिससे मेरी पार्टी का विघटन हुआ.’
वहीं जेडी (यू), जो पिछले साल एनडीए से बाहर हो गई थी, उसने बीजेपी पर नीतीश कुमार को कमजोर करने के लिए चिराग को उकसाने का आरोप लगाया है. चिराग ने लोगों से अगले साल के आम चुनावों में एनडीए को वोट देने और एक साल बाद होने वाले विधानसभा चुनावों में राज्य में नीतीश कुमार को सत्ता से बाहर करने में भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन को सक्षम बनाने का आग्रह किया. अब देखना ये है कि चिराग का ये आग्रह और उनके दिए गए बयानों का बिहार की राजनीति पर क्या असर पड़ता है.