Friday, February 7, 2025

छत्तीसगढ़ विधानसभा में नया आरक्षण विधेयक पास,नई भर्तियों के लिए रोस्टर होगा जारी

रायपुर

छत्तीसगढ़ विधानसभा ने अनुसूचित जाति ,अनुसूचित जनजाति, सामान्य वर्ग और पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण को लेकर दो विधेयक को सर्वसम्मति से पास कर दिया है.इसे मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेज दिया गया है. राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद ये कानून बनकर राज्य में लागू हो जायेगा.नये विधेयक में  बघेल सरकार ने SC के लिए 13% , ST के लिए 32%, OBC के लिए 27%, और EWS के लिए 4 % आरक्षण तय किया है. राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद कुल मिलाकर अब राज्य में आरक्षण 76% तक हो जायेगा.

19 सितंबर तक राज्य में सब मिलाकर 58 प्रतिशत तक आरक्षण था.

छत्तीसगढ़ में हाईकोर्ट के फैसले के पहले तक राज्य में 58 प्रतिशत तक आरक्षण था, जिसमें अनूसूचित जाति को 12 प्रतिशत, अनुसूचुत जन जाति को 32 प्रतिशत , अन्य पिछड़ा वर्ग को 14 प्रतिशत आरक्षण था. इसके साथ ही सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था थी लेकिन 19 सितम्बर को बिलासपुर उच्च न्यायालय ने   अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण खत्म कर दिया था.इसके बाद राज्य सरकार ने नये विधेयक के साथ आरक्षण बहाल करने का निर्णय लिया है.

नई आरक्षण  पालिसी को राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद  नई भर्तियों और स्कूल कॉलेजों में दाखिले के लिए रोस्टर जारी किये जायेंगे.

विधाससभा में विधेयक पर चर्चा के दौरान सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि सरकार सुप्रीम कोर्ट में क्वांटिफिएबल डाटा के  साथ अपना पक्ष रखेगी. सीएम बघेल ने सदन में विपक्ष के नेताओं , पूर्व मुख्यमंत्री रमण सिंह से कहा कि आप लोग प्रधानमंत्री जी मिलते हैं, इसमें दलगत बात नहीं होनी चाहिये.

इस पर सदन में नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि क्वांटिफिएबल डाटा सदन में पेश नहीं किया गया है, जबकि सरकार कह रही है कि आरक्षण राज्य में जनसंख्या अनुपात के आधार पर तय किया गया है. तो सरकार को पहले सदन में डाटा पेश करना चाहिये . पक्ष विपक्ष के बीच इस मुद्दे पर लंबी चर्चा हुई, फिर बाद में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर दिया गया.

विधानसभा की कार्रवाई समाप्त होने के तुरंत बाद  ससंदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे , कानून मंत्री मोहम्मद अकबर, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, आबकारी मंत्री कवासी लखमा समेत कुछ मंत्रियों का दल राज्यपाल अनुसूइया उईके के पास पहुंचा और विधानसभा से पारित विधेयक को हस्ताक्षर के लिए राज्यपाल को सौंप दिया .

विधानसभा से आरक्षण विधेयक पारित होने के बाद सीएम भूपेश बघेल ने भी  ट्वीट कर अपनी प्रतिकिया दी.

 

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