लखनऊ, 05 नवम्बर। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने वीरगाथा 4.0 प्रोजेक्ट Veergatha Project में अभूतपूर्व प्रदर्शन कर देश में पहला स्थान अर्जित कर एक बार फिर खुद को अव्वल साबित किया है। 45 लाख से अधिक छात्रों के नामांकन के साथ पूरे देश में पहला स्थान प्राप्त करते हुए खुद की पीठ थपथपाने वाली दिल्ली सरकार को आईना दिखाया है। इस मामले में दिल्ली सरकार को दूसरे स्थान पर संतोषा करना पड़ा है।
योगी सरकार की इस अभूतपूर्व उपलब्धि के साथ, उत्तर प्रदेश ने वीरगाथा प्रोजेक्ट में एक नया मानक स्थापित किया है, जिससे न केवल छात्रों में वीरता के प्रति सम्मान बढ़ा है, बल्कि उनकी रचनात्मकता और प्रेरणा का भी विकास हुआ है।
Veergatha Project में इस वर्ष दर्ज हुई 06 लाख 24 हजार 559 की नामांकन वृद्धि
शिक्षा के क्षेत्र में यूपी के इस प्रयास से उत्तर प्रदेश ने 45 लाख 24 हजार 559 छात्रों के नामांकन के लक्ष्य को प्राप्त किया है। यूपी ने पिछले वर्ष के वीरगाथा 3.0 प्रोजेक्ट में 39 लाख के नामांकन की संख्या को पार करते हुए इस वर्ष 6 लाख 24 हजार 559 की वृद्धि दर्ज कराई है। इस वर्ष के आंकड़े बताते हैं कि हर जिले ने भागीदारी में वृद्धि की है, जिससे यह सफलता संभव हुई है।
उत्तर प्रदेश ने कराया दिल्ली से 27 लाख 16 हजार 03 अधिक नामांकन
वीरगाथा 4.0 प्रोजेक्ट में दिल्ली ने 18 लाख 08 हजार 556 नामांकन के साथ द्वितीय स्थान और बिहार ने 13 लाख 91 हजार 187 नामांकन के साथ तृतीय स्थान प्राप्त किया है। उत्तर प्रदेश ने दिल्ली से 27 लाख 16 हजार 03 और बिहार से 31 लाख 33 हजार 372 अधिक नामांकन कर यह उपलब्धि प्राप्त किया है।
यूपी के सभी जनपदों ने दर्ज कराई Veergatha Project में अपनी भागीदारी
आंकड़े बता रहे हैं कि इस वर्ष का नामांकन अब तक का सर्वाधिक है और उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में पिछले वर्ष की तुलना में अधिक नामांकन हुए हैं। योगी सरकार की अगुवाई में इस वर्ष यूपी ने अपने सभी जिलों में भागीदारी बढ़ाकर न केवल एक नया रिकॉर्ड बनाया, बल्कि वीरता और प्रेरणा के क्षेत्र में देशभर में अपनी विशिष्ट पहचान स्थापित करने में भी सफलता पाई है।
यूपी ये जनपद हैं, देश के शीर्ष 50 में शामिल
आंकड़ों के अनुसार, देश के 50 सर्वाधिक भागीदारी वाले जिलों में उत्तर प्रदेश के 18 जिलों ने अपनी जगह बनाई है। देश के शीर्ष पर रहने वाले उत्तर प्रदेश के 18 जिलों में पीलीभीत (2,92,756), बुलन्दशहर (2,68,852), सन्त कबीर नगर (2,35,934), लखीमपुर खीरी (1,32,414), सिद्धार्थनगर (1,24,950), हरदोई (1,22,973) और लखनऊ (1,19,908) शामिल हैं। इनके अलावा देश के 50 शीर्ष जनपदों में महराजगंज (1,14,227), प्रयागराज (1,12,041), वाराणसी (1,04,460) ने भी जगह बनाने में सफलता अर्जित की है। सूची में यूपी के चित्रकूट (95,583), सम्भल (92,953), उन्नाव (89,358), देवरिया (83,292), बिजनौर (82,300), रामपुर (79,180), कानपुर देहात (78,641) और मुजफ्फरनगर (69,086) ने भी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है।
शिक्षा राज्यमंत्री ने कहा
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने कहा कि इस वर्ष वीरगाथा 4.0 के अंतर्गत ऑनलाइन नामांकन 16 सितंबर से 31 अक्टूबर 2024 तक किए गए। इस परियोजना में कक्षा 1 से 12 तक के छात्रों को शौर्य पुरस्कार विजेताओं पर आधारित रचनात्मक गतिविधियों जैसे कविता, निबंध, कहानी, पेंटिंग और वीडियो प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिएरक्षार्थ ऑनलाइन नामांकन आमंत्रित किये गये थे। प्रदेश के सभी विद्यालयों की भागीदारी से यह सफलता अर्जित हुई है।
क्या है वीरगाथा Veergatha Project 4.0 प्रोजेक्ट
वीरगाथा प्रोजेक्ट, रक्षा मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय का एक संयुक्त कार्यक्रम है, जिसे 2021 में Gallantry Awards Portal (GAP) के अंतर्गत शुरू किया गया था। इसका प्रमुख उद्देश्य, छात्रों को सशस्त्र बलों के वीर जवानों की प्रेरक कहानियों से जोड़ना है।