दिल्ली
NCERT की 10वीं, 11वीं और 12वीं के क्लास के टेक्स्ट बुक से मुगल इतिहास के चैप्टर्स हटाये जाने की खबर पर बोर्ड की तरफ से सफाई आई है. NCRT के निदेशक दिनेश प्रसाद सक्लानी (Director Dinesh prasad saklani)
ने आज मीडिया से बात करते हुए कहा कि मौजूदा समय में किसी भी किताब से मुगलों के इतिहास को नहीं हटाया गया है बल्कि पिछले साल कोरोना के चलते बच्चों पर काफी दबाव था, जिसके कारण कई पाठ्यक्रमों को छोटा किया गया था. किसी भी चैप्टर हटाया नहीं गया है. आज भी स्कूलों में छात्र मुगलों का इतिहास पढ़ रहे हैं. कक्षा सातवीं, 11वीं और 12वीं में मुगलों का इतिहास पढ़ाया जा रहा है.
NCRT निदेशक दिनेश सकलानी ने बताया कि 11वीं क्लास की किताब में भी सेक्शन-2 में Empires में मुगलों का इतिहास पढ़ाया जा रहा है. 12वीं के किताबों में मुगलों के इतिहास पर 2 चैप्टर थे, जिसमें से पिछले साल Theme nine को हटाया गया था, जबकि Theme eight आज भी छात्रों को पढ़ाया जा रहा है. इसमें Mugal Empire के बारे में पूरा पढ़ाया जा रहा है. दोनों चैप्टर एक समान थे, इसीलिए एक चैप्टर को कम किया गया. दोनों चैप्टरों में एक ही बात थी और मुगलों के बारे में ही लिखा हुआ था. इसीलिए छात्रों के ऊपर ज्यादा बोझ ना पड़े, यही सोचकर पिछले साल ही theme nine को हटाया गया था, इस साल किसी किताब से किसी भी चैप्टर को नहीं हटाया गया है.
क्या है NCERT MUGHAL HISROTY का विवाद ?
आपको बता दें कि 3 अप्रैल को ये खबर वायरल हुई थी कि देश के सबसे बड़े शिक्षा बोर्ड के सिलेबस से मुगल साम्राज्य के इतिहास और कुछ राजनीतिक पार्टी के बारे में रखे गये चैप्टर्स को हटा दिया गया है. अब देशभर के 23 राज्यों में सीबीएसई (CBSE) बोर्ड में छात्र अब नई किताबें पढ़ेंगे.10वीं, 11वीं और 12वीं में पढ़ाई जाने वाली इतिहास की किताबों में अब मुगल साम्राज्य, दिल्ली दरबार, अकबरनामा, बादशाहनामा और कई राजनीतिक दलों के उदय की कहानियां पढ़ने को नहीं मिलेंगी.
इस खबर के बाद से ये चर्चा का विषय बन गया था कि क्या वाकई में अब देश के छात्र मध्यकालीन भारत के इतिहास को पढ़ने से महरुम रह जायेंगे लेकिन अब NCRT ने ये साफ कर दिया है कि कोविड के दौरान छात्रों के दवाब को कम करने के लिए कुछ चैप्टर्स हटाये गये थे. ये स्थाई बदलाव नहीं है.