रिपोर्टर-संजय वर्मा
नवादा : नवादा पुलिस की एक कार्रवाई ने पूरे पुलिस महकमा में खलबली मचा दी है.जिला से लेकर राज्य स्तर पर पुलिस एसोसियेशन पुलिस अधीक्षक के खिलाफ उठ खड़ा हुआ है.मामला नवादा नगर थाना में तैनात पांच पुलिस अफसरों को थाना हाजत में बंद करने का है.लपेटे में नवादा के पुलिस अधीक्षक डा. गौरव मंगला हैं.
पुलिस अधीक्षक डा. गौरव मंगला पर आरोप लगा है कि 8 सितंबर की रात्रि उन्होंने नगर थाना के 2 दारोगा और 3 जमादार एसआई शत्रुधन पासवान, एसआई रामरेखा सिंह, एएसआई संतोष पासवान, एएसआई संजय सिंह और एएसआई रामेश्वर उरांव कुल 5 अफसरों को थाना हाजत में बंद करवा दिया.करीब 2 घंटे तक सभी थाना हाजत में बंद रखे गए. बाद में सभी को मुक्त किया गया. हालांकि एसपी डा.मंगला इन आरोपों को खारिज कर दिया है. नगर थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर विजय कुमार सिंह ने भी ऐसी किसी घटना से इंकार किया है.
क्या है पूरा मामला
8 सितंबर की रात्रि करीब 9 बजे एसपी नगर थाना पहुंचे थे. कांडों का रिव्यू करने के दौरान कुछ अफसरों की लापरवाही की खबर सामने आई. इसके बाद वे नाराज हो गए और पांच पुलिस अफसरों को हाजत में बंद करा दिया. करीब दो घंटे बाद सभी को हाजत से निकाला गया.
यह खबर 9 सितंबर शुक्रवार को वॉट्सएप पर सूचनात्मक रूप में वायरल हुई. कोई फोटो या वीडियो नहीं था. खबर की पुष्टि के लिए जब एसपी से संपर्क किया गया तो उन्होंने इसे फेक न्यूज बताते हुए खारिज कर दिया.नगर थानाध्यक्ष विजय कुमार सिंह ने भी ऐसी किसी घटना से इंकार किया.
इस बीच मामले ने तब तूल पकड़ा जब बिहार पुलिस एसोसियेशन के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार सिंह तक यह बात पहुंची. मृत्युंजय कुमार सिंह के मुताबिक एसपी से बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होने कॉल रिसीव नहीं किया. इसके बाद 10 सितंबर को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर पूरे मामले की जांच की मांग कर दी गई. नगर थाना का सीसीटीवी फुटेज खंगालने और विधि सम्मत कार्रवाई की मांग की गई है.
अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार सिंह ने आशंका जताई है कि सीसीटीवी जो की महत्वपूर्ण साक्ष्य है ,उसके साथ एसपी के स्तर से छेड़छाड़ की जा सकती है.उन्होंने एसपी की कार्रवाई को कनीय पुलिस अफसरों का मनोबल तोड़ने वाला बताते हुए मामले की निष्पक्ष और न्यायिक जांच करा कर आईपीसी की धारा में एफआईआर करने की मांग की है। बहरहाल, यह मामला काफी तूल पकड़ लिया है.