Wednesday, July 23, 2025

महाभियोग प्रक्रिया के तहत जांच होगी, दोषी पाए जाने पर हटाए जा सकते हैं जस्टिस वर्मा

- Advertisement -

नई दिल्ली। जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया तेज हो गई है। राज्यसभा में कांग्रेस सांसद और व्हिप नासिर हुसैन ने बताया कि प्रस्ताव पर 60 से अधिक सांसदों ने हस्ताक्षर कर दिए हैं, जबकि लोकसभा में पहले ही 145 सांसदों ने इस पर समर्थन दिया है और स्पीकर को ज्ञापन सौंपा गया है।

यह प्रस्ताव भारतीय संविधान के अनुच्छेद 124, 217 और 218 के अंतर्गत लाया गया है। महाभियोग प्रस्ताव का समर्थन कांग्रेस, टीडीपी, जेडीयू, जेडीएस, जनसेना, एजीपी, शिवसेना (शिंदे गुट), एलजेपी और सीपीआई (एम) जैसे कई दलों ने किया है।

सूत्रों के अनुसार, जिन सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं उनमें अनुराग ठाकुर, रविशंकर प्रसाद, राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल, राजीव प्रताप रूड़ी, पीपी चौधरी और सुप्रिया सुले जैसे वरिष्ठ नेता शामिल हैं।

क्या है मामला?

15 मार्च 2025 को जस्टिस वर्मा के दिल्ली स्थित सरकारी आवास से कथित तौर पर भारी मात्रा में जली हुई नकदी बरामद होने के आरोप सामने आए थे। इस घटना के बाद मामला गंभीर हो गया और संसद में इसे लेकर हलचल तेज हो गई।

सरकार की प्रतिक्रिया और अगला कदम:

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने रविवार को बताया कि महाभियोग प्रस्ताव को संसद में लाने के लिए आवश्यक समर्थन मिल चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रस्ताव को कब पेश किया जाएगा, इसका निर्णय बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (बीएसी) द्वारा लिया जाएगा।

अब संसद की संबंधित समिति आरोपों की जांच करेगी और तय किया जाएगा कि जस्टिस वर्मा को पद से हटाने की सिफारिश की जाए या नहीं।

Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.

Latest news

Related news