नई दिल्ली । ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में चर्चा के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि 22 अप्रैल से 17 जून तक ट्रम्प और प्रधानमंत्री मोदी के बीच बातचीत नहीं हुई ऐसे में किसी मध्यस्थता का सवाल ही पैदा नहीं होता। भारत और पाकिस्तान के बीच किसी ने मध्यस्थता नहीं की। हमारे और पाकिस्तान के बीच कोई भी बात द्विपक्षीय है।
जयशंकर ने कहा कि भारत का एक ही संदेश था कि हम आतंकवाद के खिलाफ अपनी रक्षा के अधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं। 7 मई को जिन ठिकानों पर हमला हुआ, वे आतंकवादी हेडक्वार्टर और इंफ्रास्ट्रक्चर थे।
जयशंकर ने आगे कहा- हम परमाणु ब्लैकमेल के आगे कभी नहीं झुकेंगे। हम पाकिस्तानी सैन्य हमलों का जवाब इसलिए दे रहे हैं क्योंकि ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने के बाद उन्होंने हमारे सैन्य ठिकानों को निशाना बनाना शुरू कर दिया था। हम पाकिस्तानी सेना पर हमले जारी रखेंगे।
विदेश मंत्री ने कहा- विपक्ष पूछ रहा है कि पहलगाम हमले पर दुनिया ने भारत के पक्ष पर क्या कहा। मैं बताना चाहूंगा कि जर्मन विदेश मंत्री ने कहा कि भारत को आतंकवाद से अपनी रक्षा करने का पूरा अधिकार है और वह हमारा समर्थन करेगा। फ्रांस और यूरोपीय संघ ने भी ऐसा ही कहा है। क्वाड और ब्रिक्स जैसे बहुपक्षीय समूहों ने 22 अप्रैल के पहलगाम हमले की निंदा की।
जयशंकर ने कहा- 25 अप्रैल के सिक्योरिटी काउंसिल के सदस्यों ने पहलगाम हमले की कड़े शब्दों में निंदा की थी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद किसी भी रूप में अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक है।
विदेश मंत्री के संबोधन के दौरान विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। इसपर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- भारत का विदेश मंत्री यहां बयान दे रहा है, पर विपक्ष को उन पर भरोसा नहीं है। किसी और देश पर भरोसा है। विदेश मंत्री पर भरोसा क्यों नहीं करते। इसलिए विपक्ष में बैठे हैं। और 20 साल वहीं पर बैठेंगे।
एस जयशंकर ने कहा- 9 मई को अमेरिका के उप राष्ट्रपति जेडी वेंस ने प्रधानमंत्री को फोन किया और बताया कि पाकिस्तान हमला करने वाला है। पीएम मोदी ने साफ कहा था कि अगर पाकिस्तान ने हमला किया, तो भारत चुप नहीं बैठेगा। ऐसा ही हुआ। भारत ने जवाब दिया। इस पर कुछ कहने की जरूरत नहीं है। पाकिस्तान में जो तबाही हुई, उसकी सैटेलाइट तस्वीरें सभी ने देखीं।
उन्होंने आगे कहा- किसी भी स्टेज पर अमेरिका से बातचीत के दौरान व्यापार पर बातचीत नहीं हुआ। दूसरी बात, 22 अप्रैल से 17 जून तक ट्रम्प और प्रधानमंत्री मोदी के बीच बातचीत नहीं हुई।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा- आप में से किसने सोचा था कि बहावलपुर और मुरीदके जैसे उनके आतंकी ठिकाने इस तरह ध्वस्त हो जाएंगे? मोदी सरकार से पहले इन ठिकानों को नष्ट करने का विचार कैसे खारिज कर दिया गया था।
पहलगाम हमले के अगले दिन भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करते हुए कई सख्त फैसले लिए। इसमें सिंधु जल संधि सस्पेंड करना, पाकिस्तानी नागरिकों का वीजा रद्द करना, इस्लामाबाद हाई कमीशन के राजनयिकों को अवांछित घोषित करना और अटारी बॉर्डर बंद करना शामिल हैं।
विदेश मंत्री जयशंकर ने लोकसभा में कहा- ऑपरेशन सिंदूर अपने उद्देश्यों में सफल रहा। भारतीय नागरिकों का सुरक्षित बचाव मुश्किल परिस्थितियों में किया गया और यह मिशन भारत की क्षमताओं और प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
जयशंकर ने आगे बताया कि पाकिस्तानी धरती से पनप रहे सीमा पार आतंकवाद पर भारत का जवाब ऑपरेशन सिंदूर तक सीमित नहीं रहेगा। पाकिस्तानी नागरिकों के लिए भारत में वीजा प्रतिबंध जारी रहेंगे।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा- हमने दुनिया को पाकिस्तान का असली चेहरा दिखाया। पहलगाम के बाद दुनिया भारत के साथ थी। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने लोकसभा में कहा- हमारी रेड लाइन पार की गई। हमने बहुत सख्त कदम उठाए। दुनिया में हमने पाकिस्तान में आतंक के इतिहास के उजागर किया। हमने दो संदेश दिए- आतंक के खिलाफ जीरो टॉलरेंस और आतंक से नागरिकों की सुरक्षा का अधिकार।
22 अप्रैल से 17 जून तक ट्रम्प और प्रधानमंत्री मोदी के बीच बातचीत नहीं हुई – विदेश मंत्री एस जयशंकर
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