दृष्टि आईएएस के संचालक डॉ. विकास दिव्यकीर्ति को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। विकास दिव्यकीर्ति के खिलाफ चल रहे जजों की मानहानि मामले में अजमेर की जूडिशियल मजिस्ट्रेट नंबर-2 की कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान वह कोर्ट में पेश नहीं हुए। इस पर कोर्ट ने विकास दिव्यकीर्ति के खिलाफ सख्त रुख अपनाया और 2 अगस्त को सशरीर कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है।
आखिर क्या है मामला?
दरअसल, डॉ. विकास दिव्यकीर्ति के खिलाफ ये केस एक वीडियो को लेकर चल रहा है। इस वीडियो का टाइटल ‘IAS vs. जज—कौन ज्यादा ताकतवर है?’ है। इस वीडियो में दिव्यकीर्ति द्वारा कथित रूप से जजों पर आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर ही मानहानि मामला दर्ज किया गया है। इस मामले की सुनवाई अजमेर की न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या-2 की अदालत में हुई। इस सुनवाई में दिव्यकीर्ति को भी कोर्ट में पेश होना था। लेकिन वे सुनवाई के दौरान कोर्ट नहीं पहुंचे। इसको लेकर कोर्ट में उनके वकील ने हाजिरी माफी की अर्जी पेश की। वहीं, परिवादी वकील कमलेश मंडोलिया की तरफ से कोर्ट में गिरफ्तारी वारंट जारी करने की मांग दाखिल की गई।
कोर्ट ने दिखाई सख्ती
इस मामले पर कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए वकीलों को निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि विकास दिव्यकीर्ति को 2 अगस्त को अदालत में स्वयं पेश होना होगा। अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो कोर्ट द्वारा कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
आखिर क्या था वीडियो में?
बता दें कि डॉ. दिव्यकीर्ति के इस वीडियो में उन्होंने IAS अधिकारियों को जजों की तुलना में अधिक ताकतवर बताया था। उनके इस बयान को वकील समुदाय ने न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला बताया। इसके बाद वकील कमलेश मंडोलिया ने अजमेर कोर्ट में उनके खिलाफ मानहानि का केस दायर कर दिया।