Amarnath Yatra security : जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अमरनाथ यात्रा के पहलगाम मार्ग पर तीर्थयात्रियों पर किसी भी आतंकवादी हमले को रोकने के लिए चेहरा पहचान प्रणाली (FRS) लगाई है. इसके बारे में एक अधिकारी ने ये जानकारी दी है. अधिकारी ने बताया कि इस प्रणाली में एक विशेषता है जो किसी भी संग्दिध व्यक्ति के निगरानी कैमरे की नजर में आने पर सुरक्षा बलों को वास्तविक समय में सचेत कर देती है. अमरनाथ यात्रा की पुख्ता सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय और संग्दिध आतंकवादियों की तस्वीरें इस प्रणाली में डाली गई हैं.
Amarnath Yatra security:संदिग्ध को देख अलार्म बजायेगा सिस्टम
अधिकारी ने कहा कि जिन आतंकवादियों की तस्वीरें उपलब्ध कराई गई है, यदि उनसे मेल खाता कोई संग्दिध व्यक्ति फ्रेम में आएगा, सुरक्षा बलों की निगरानी केंद्र पर हूटर बजने लगेगा, ताकि खतरे को खत्म करने के लिए वास्तविक समय में कदम उठाए जा सकें.
तीन लाख तीर्थयात्रियों ने कराया रजिस्ट्रेशन
एफआरएस डिजिटल फोटोग्राफ या वीडियो से चेहरे की विशेषताओं का विश्लेषण करके तथा डाटाबेस में मिलान ढूंढकर किसी व्यक्ति की पहचान करता है. इस साल की अमरनाथ यात्रा के लिए तीन लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है.
पुख्ता सुरक्षा इंतजाम करना जरूरी
अधिकारी ने कहा कि अमरनाथ यात्रा पहले भी आतंकवादियों के निशाने पर रही है. इस यात्रा के लिए पुख्ता सुरक्षा इंतजाम करना जरूरी हो गया है, क्योंकि हर वर्ष लाखों तीर्थयात्री पवित्र गुफा में दर्शन के लिए आते हैं. दरअसल अप्रैल के आखिर में पहलगाम आतंकी हमले के बाद अमरनाथ यात्रा पर संशय लग रहा था. लेकिन आतंक के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर के बड़े पलटवार और सुरक्षा के तगड़े बंदोबस्त के बाद तीर्थ यात्री बड़ी संख्या में रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं.
3 जुलाई से शुरू होगी यात्रा
बता दें कि इस साल की अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगी. इसके लिए 331,000 से ज्यादा श्रद्धालुओं ने रजिस्ट्रेशन कराया है. जम्मू कश्मीर में अमरनाथ यात्रा की तैयारियों की समीक्षा खुद उप राज्यपाल मनोज सिन्हा कर रहे हैं. उन्होंने बोर्ड से परेशानी मुक्त तीर्थयात्रा के लिए सुविधाओं, आवास और सेवाओं को बढ़ाने को लेकर भी बात की है.