Ramban cloudburst : जम्मू कश्मीर के रामबन में बादल फटने की वजह से अचानक बाढ़ आ गई. ये तबाही का मंजर वाकई में परेशान करने वाला था. लोगों के घर बह गए. 3 लोगों की मौत हो गई. लैंडस्लाइड की वजह से 21 अप्रैल को स्कूल बंद कर दिए गए थे. इस घटना से पहले गुरदेव सिंह और उनका परिवार सहित कुछ और लोग 19 अप्रैल की शाम को कश्मीर जाने की प्लानिंग कर रहे थे, लेकिन उस समय ज्यादा बारिश की वजह से उन्होंने होटल में ही रुकने का फैसला किया.
Ramban cloudburst : भूस्खलन से मची तबाही
उन्हें कहां पता था कि उसी समय रामबन जिले में अचानक बाढ़ आ जाएगी और वो सभी भूस्खलन में का शिकार हो जाएंगे. पंजाब के लुधियाना के सिंह ने कहा कि होटल के कर्मचारी सुबह करीब 3 बजे हमारे पास आए. उन्होंने बताया कि बाढ़ का पानी होटल में घुस गया है और पानी का स्तर बढ़ने लगा. उन्होंने कहा कि तबाही का ये मंजर पहली बार देखा.
वो खतरनाक मंजर याद करते हुए उन्होंने कहा कि हम बहुत मुश्किल से बच पाए. उन्होंने कर्मचारियों और पुलिस की तुरंत की गई कार्रवाई की सराहना की. उनकी वजह से ही वो सभी होटल से सुरक्षित निकल पाए. हालांकि, उनकी कार भूस्खलन के मलबे में दब गई. भारी बारिश और बादल फटने की वजह से रामबन जिले में अचानक आई बाढ़, भूस्खलन और भूस्खलन के कारण सड़कों और वहां के घरों सहित बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान हुआ.
इस भूस्खलन और बादल फटने की घटना में दो नाबालिग भाई-बहनों सहित तीन लोगों की मौत हो गई. रेस्क्यू टीमों ने 100 से ज्यादा लोगों को बचाया. जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सैकड़ों गाड़ियां फंस गईं, जिन्हें बाद में बाहर निकाला गया.
ऑल-वेदर रोड पर जमा था मलबा
250 किलोमीटर लंबी रोड कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाली एकमात्र ऑल-वेदर रोड है. इस रास्ते पर बहुत से लोगों की गाड़ियां दब गईं. गुरुदेव सिंह ने बताया कि वो अपने माता-पिता, पत्नी और दो साल की बेटी के साथ आए थे. वे पहाड़ी जिले में अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन में फंसे पंजाब के आठ पर्यटकों में शामिल थे. उन्होंने बताया कि भूस्खलन के कारण पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा मुख्य सड़क पर आ गया, जिससे सभी वाहन उसमें दब गए थे.
उन्होंने कहा कि हमने सोचा कि स्थिति को देखते हुए बचने का कोई मौका नहीं है. हालांकि, होटल के कर्मचारियों ने हमें सुरक्षित होटल से बाहर निकालने में मदद की और बाद में भारी बारिश के बीच पुलिस बचाव दल ने हमें एक चौकी पर पहुंचाया. उन्होंने अपनी जान बचाने के लिए भगवान का शुक्रिया अदा करते हुए जिला प्रशासन से उनकी कार निकालने में मदद करने का अनुरोध किया था. पंजाब के ही संजीव कुमार भी अपने दो दोस्तों के साथ कश्मीर गए हुए थे.