नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी अगले माह जुलाई में ब्राजील का दौरा करेंगे। वह 6 से 7 जुलाई को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होने के बाद 8 जुलाई को ब्राजील जाएंगे। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य सुरक्षा सहयोग को मजबूत करना है। भारत, ग्लोबल साउथ, ब्रिक्स और जी20 में ब्राजील को एक अहम भागीदार मानता है। भारत लंबे समय से ब्राजील के साथ आतंकवाद विरोधी समझौता करना चाहता है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पीएम मोदी की यात्रा के दौरान यह समझौता हो सकता है। दोनों देश रक्षा उत्पादन और खरीद के लिए गोपनीय जानकारी की सुरक्षा पर भी एक समझौता कर सकते हैं। 2020 से भारत और ब्राजील रक्षा उद्योग में साझेदारी पर ध्यान दे रहे हैं। 2003 में दोनों के बीच एक रक्षा सहयोग समझौता हुआ था, जिसे 2006 में मंजूरी मिली। इसके तहत एक संयुक्त रक्षा समिति बनाई गई। रक्षा प्रमुखों के स्तर पर 14 बार बातचीत हुई है। पिछले दो सालों में भारतीय वायु सेना के प्रमुख ने ब्राजील का दौरा किया। वहीं, ब्राजील की सेना, नौसेना और वायु सेना के प्रमुखों ने भी भारत का दौरा किया था।
2007 से दोनों देशों के 134 रक्षा अधिकारियों को ट्रेनिंग दी गई है, इनमें से 70 भारत से और 64 ब्राजील से हैं। इन्हें छोटे और लंबे कोर्स में ट्रेनिंग दी गई है। इसके अलावा, संयुक्त अभ्यास और नौकायन प्रतियोगिताओं में भी दोनों देशों ने भाग लिया। 2+2 राजनीतिक-सैन्य वार्ता शुरू की गई है, जिसकी पहली बैठक 2024 में हुई थी। ब्राजील ने मिसाइल सिस्टम, खासकर ब्रह्मोस और आकाश मिसाइलों में भी दिलचस्पी दिखाई है।
भारत और ब्राजील के बीच रक्षा सहयोग बढ़ने से दोनों देशों को फायदा होगा। आतंकवाद का मुकाबला करने और रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। ब्राजील, लैटिन अमेरिका का सबसे बड़ा देश है। भारत के साथ उसका मजबूत रिश्ता है। पीएम मोदी की यात्रा से यह रिश्ता और मजबूत होगा।
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