नई दिल्ली: सीमापार से भारत (India) को अस्थिर करने की कोशिश लगातार जारी है. पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) के बाद भारत की ओर से किए गए ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) में जब पाकिस्तान (Pakistan) में बैठे आतंकियों की कमर टूट गई, तो अब वही आतंकी संगठन नई चाल चलकर देश को अशांत करने की फिराक में हैं. आंतकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) अब महिलाओं (Women) का एक खास ब्रिगेड बना रहा है, जिसका नाम रखा गया है जमात अल-मुमिनात.
सूत्रों का कहना है कि यह ग्रुप साल 2024 के बाद से ही एक्टिव है और इसका मकसद महिलाओं का ब्रेनवॉश करके उन्हें अपने नेटवर्क में शामिल करना है. इस ब्रिगेड को जैश की महिला विंग के तौर पर तैयार किया गया है, जो साइकोलॉजिकल वारफेयर, यानी मानसिक तौर पर असर डालने वाले प्रचार और ग्राउंड लेवल पर भर्ती का काम कर रहा है.
कहा जा रहा है कि जमात अल-मुमिनात जम्मू-कश्मीर ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश और दक्षिण भारत के कुछ इलाकों में ऑनलाइन नेटवर्क के ज़रिए लगातार एक्टिव है. सोशल मीडिया, व्हाट्सऐप ग्रुप्स और कुछ मदरसों के नेटवर्क के जरिए इस ग्रुप की गतिविधियां लगातार फैल रही हैं. इस संगठन का मकसद है महिलाओं को धर्म के नाम पर बरगलाना और संगठन के लिए इस्तेमाल करना.
खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, जैश के इस नए सर्कुलर में मक्का और मदीना की तस्वीरें भी लगाई गई है ताकि इसे धार्मिक रंग दिया जा सके. साथ ही इस सर्कुलर में कई तरह की भावनात्मक बातें लिखी गई हैं ताकि पढ़ी-लिखी और शहरी मुस्लिम महिलाओं को भी प्रभावित किया जा सके. इस पूरे अभियान के जरिए महिलाओं की भावनाओं को छूकर उन्हें अपने संगठन के मकसद से यह सारी कोशिश की जा रही है.
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि जमात अल-मुमिनात जैश की तरह ही सेल-बेस्ड स्ट्रक्चर पर काम कर रहा है. मतलब अलग-अलग छोटे ग्रुप्स सोशल मीडिया या मदरसों के जरिए भर्ती, चंदा जुटाने और संदेश फैलाने का काम कर रहे हैं. खुफिया एजेंसियों ने इस सर्कुलर के पाकिस्तान कनेक्शन के भी ठोस सबूत मिलने की बात कही है.