Combat Helicopter Apache : भारतीय सेना को लंबे समय से लड़ाकू हेलीकॉप्टर अपाचे का इंतजार था, अब ये इंतजार खत्म हो चुका है. ऐसा इसलिए क्योंकि अमेरिका से अपाचे हेलीकॉप्टर की पहली खेप भारत पहुंच चुकी है. भारतीय सेना इन हेलीकॉप्टरों को जोधपुर में तैनात करने वाली है. इस हेलीकॉप्टर का भारतीय सेना को लंबे समय से इंतजार था. इनको अमेरिका से 5 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा में खरीदा गया है. हालांकि, इनकी डिलीवरी एक साल पहले होनी थी, लेकिन एक साल से ज्यादा की देरी के साथ अब इनको भारत को सौंपा गया है.
Combat Helicopter Apache: पहले चरण में सेना को मिले 6 हेलिकॉप्टर
भारतीय सेना को अमेरिका से खरीदे गए अपाचे AH-64E हेलीकॉप्टर मिले हैं, इन्हें ‘उड़ता हुआ टैंक’ या ‘फ्लाइंग तोप’ कहा जाता है. इनकी कीमत 860 करोड़ रुपये प्रति यूनिट है. पहले फेज में 6 अपाचे हेलीकॉप्टरों में से 3 भारत पहुंचे हैं. बचे हुए 3 हेलीकॉप्टर नवंबर तक भारत पहुंच सकते हैं.
2020 में हुई थी अमेरिका से डील
भारत पहुंचे इन हेलिकॉप्टरों की खरीद 2020 में अमेरिका के साथ 600 मिलियन डॉलर (लगभग 5,000 करोड़ रुपये) के सौदे के तहत हुई थी. सूत्रों के मुताबिक जोधपुर में पहले से स्थापित 451 आर्मी एविएशन स्क्वाड्रन इन हेलिकॉप्टरों का संचालन करेगा, जो पश्चिमी सीमा की रक्षा के लिए तैनात होंगे.
अपाचे हेलीकॉप्टरों से भारतीय सेना की मारक क्षमता और ज्यादा मजबूत होगी. सेना को ये हेलीकॉप्टर बोइंग कंपनी से मिल रहे हैं, जो दुश्मन के ठिकानों पर सटीक वार करने में सक्षम हैं. गौरतलब है कि इससे पहले भारतीय वायुसेना के बेड़े में भी अपाचे हेलीकॉप्टर शामिल हैं. अब थल सेना के लिए भी इन्हें तैनात किया जा रहा है ताकि जमीनी ऑपरेशन को और दमदार बनाया जा सके.
क्या हैं अपाचे की खासियत?
इसमें 30 मिमी की ऑटोमेटिक कैनन (गन) लगी होती है जो चलते-फिरते दुश्मन को भी निशाना बना सकती है.
इसमें हाइड्रा-70 रॉकेट सिस्टम लगे हैं, जो जटिल युद्ध क्षेत्रों में भी प्रभावी साबित होते हैं.
इसमें एंटी-टैंक मिसाइलें (जैसे हेलफायर) लगी होती हैं, जो टैंकों और बख्तरबंद गाड़ियों को तबाह करने में सक्षम हैं.
अपाचे के पास रॉकेट पॉड्स भी होते हैं, जो दुश्मन के ठिकानों पर भारी बमबारी कर सकते हैं.
इसमें नाइट विज़न और एडवांस टारगेटिंग सिस्टम होते हैं, जिससे यह दिन-रात और किसी भी मौसम में ऑपरेशन कर सकता है.
इन्हीं ताकत की वजह से इसे जमीन पर चलने वाले भारी टैंक का हवाई वर्ज़न माना जाता है. यानी जरूरत पड़े तो यह दुश्मन के टैंकों को भी हवा से खत्म कर सकता है.