Friday, September 5, 2025

देशभर में बाढ़-बारिश ने मचाई तबाही! पंजाब के 23 जिले प्रभावित, जानें जम्मू कश्मीर समेत अन्य राज्यों का हाल

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हैदराबाद: देशभर के कई राज्यों में मॉनसूनी बारिश ने आफत मचाई हुई है. भूस्खलन और बाढ़ से हाल बेहाल है. मूसलाधार बारिश से हर जगह पानी ही पानी नजर आ रहा है. पहाड़ी राज्‍यों जम्‍मू-कश्‍मीर, हिमाचल, उत्तराखंड से लेकर मैदानी राज्‍यों दिल्‍ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, महाराष्‍ट्र तक बारिश से बुरा हाल है.

बात पंजाब की करें तो बारिश और बाढ़ के चलते राज्य में अब तक मरने वालों की संख्या बढ़कर 37 तक पहुंच गई. पिछले 24 घंटों में बाढ़ के कारण 7 लोगों की जान चली गई है.

पंजाब में मृतकों की संख्या
अमृतसर में 4, बरनाला में 5, होशियारपुर में 7, बठिंडा में 3, गुरदासपुर में 1, लुधियाना में 4, मानसा में 3, पठानकोट में 6, पटियाला में 1, रूपनगर में 1 और मोहाली और संगरूर में एक-एक मौत शामिल है.

पंजाब के 23 जिले और 1655 गांव बाढ़ से प्रभावित
पंजाब के 23 जिले बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. आंकड़ों के मुताबिक लगभग 1655 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. अगर पूरे पंजाब में बाढ़ से प्रभावित लोगों की संख्या गिनी जाए तो 3 लाख 55 हजार 709 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं.

अमृतसर में बाढ़ से प्रभावित लोगों की संख्या 117534 है. इसके बाद गुरदासपुर में 145000 लोग प्रभावित हुए हैं. इसी तरह, फिरोजपुर में 39076, पठानकोट में 15073, कपूरथला में 5728 और मोहाली में 7000 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं.

अब तक 19474 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया
इसके अलावा बाढ़ के पानी से बचाए गए लोगों की संख्या 19474 तक पहुंच गई है. सबसे ज्यादा 5581 लोगों को गुरदासपुर से बचाया गया. सुरक्षित निकाले गए लोगों की संख्या का ब्यौरा अमृतसर 2734 बरनाला 369 फाजिल्का 2422 फिरोजपुर 3495 गुरदासपुर 5581 लोग बचाए गए.

इसी तरह होशियारपुर से 1615, जालंधर 474, कपूरथला 1428, मानसा 16, मोगा 115, रोपड़ 65 ,पठानकोट 1139, तरनतारन से 21 लोग बचाए गए. इस प्रकार कुल 19474 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.

पंजाब में राहत शिविरों की कुल संख्या 5304
पंजाब के 15 जिलों में 167 नए राहत शिविर खोले गए. अब तक पंजाब के विभिन्न जिलों में कुल 5304 शिविर खोले जा चुके हैं. पूरे पंजाब में कुल 5304 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं.

राज्य में कुल 1,75,216 हेक्टेयर फसल को बाढ़ से नुकसान
अगर पंजाब में अब तक फसल नुकसान की बात करें तो कुल 1,75,216 हेक्टेयर फसल को नुकसान पहुंचा है. जिसमें सबसे ज्यादा फसल गुरदासपुर जिले में 40169 एकड़ फसल नष्ट हुई है. दूसरे स्थान पर मानसा है जहां 24967 हेक्टेयर फसल नष्ट हुई है.

फाजिल्का में 17786 हेक्टेयर और फिरोजपुर में 17620 हेक्टेयर फसल नष्ट हुई. इसी तरह एनडीआरएफ की 20 टीमें पूरे पंजाब में बाढ़ प्रभावित इलाकों में काम कर रही हैं. 30 से 35 भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर भी रात के ऑपरेशन में लगे हुए हैं. बीएसएफ की टीमें विशेष रूप से गुरदासपुर क्षेत्र से लोगों को निकालने का काम कर रही हैं.

स्कूल-कॉलेज सात सितंबर तक बंद
पंजाब में भारी बारिश के कारण बुधवार को बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो गई. राज्य में प्राकृतिक आपदा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 37 हो गई, जबकि 1988 के बाद राज्य में आए सबसे भीषण सैलाब से 23 जिलों में 1.75 लाख हेक्टेयर भूमि पर लगी फसलें नष्ट हो गईं.

राज्य में बचाव और राहत कार्य युद्ध स्तर पर जारी हैं और अलग-अलग जगहों से मदद पहुंच रही है, ताकि 1,655 गांवों के 3.55 लाख से ज़्यादा लोगों को राहत मिल सके. भारी बारिश के बाद रूपनगर और पटियाला जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है और लोगों से सतर्क रहने का आग्रह किया गया है, जबकि सभी स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय सात सितंबर तक के लिए बंद कर दिए गए हैं.

वहीं, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर में बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही है. हिमालय से निकलने वाली सतलुज, व्यास और रावी नदियां तथा छोटी नदियां पहले से ही उफान पर हैं, जिससे शहर, गांव और कृषि भूमि जलमग्न हो गई है और सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.

भारी बारिश से बाढ़ की स्थिति और बिगड़ी
सुबह छह बजे भाखड़ा बांध का जलस्तर 1,677.84 फुट था, जबकि इसकी अधिकतम क्षमता 1,680 फुट है। बांध में 86,822 क्यूसेक पानी का प्रवाह हुआ, जबकि 65,042 क्यूसेक पानी छोड़ा गया.

अधिकारियों ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश को देखते हुए बांध से पानी छोड़ने की मात्रा 65,000 क्यूसेक से बढ़ाकर 75,000 क्यूसेक की जा रही है. उन्होंने चेतावनी दी कि नांगल के गांव जलमग्न हो सकते हैं. रूपनगर जिला प्रशासन ने भाखड़ा बांध से पानी छोड़े जाने के मद्देनजर सतलुज नदी के पास रहने वाले लोगों को सतर्क रहने को कहा है.

इस बीच पटियाला जिला प्रशासन ने भी जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के मद्देनजर राजपुरा उप-मंडल में घग्गर नदी के निकटवर्ती गांवों के लिए अलर्ट जारी किया है. अधिकारियों के मुताबिक, अंबाला में टांगरी नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है और अंबाला तथा काला अंब में भारी बारिश के बाद पटियाला में भी इसके बढ़ने की आशंका है.

जम्मू कश्मीर में भारी बारिश से हाल बेहाल, श्रीनगर और बडगाम सबसे अधिक प्रभावित
जम्मू कश्मीर में भारी बारिश और बाढ़ से हालात काफी बिगड़ गए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, यहां दो जिले, श्रीनगर और बडगाम सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. वहीं, 4 से 5 जिले आंशिक तौर बाढ़ और बारिश से प्रभावित बताए जा रहे हैं.

मंगलवार और बुधवार को लगातार बारिश के बाद कश्मीर के प्रमुख स्थानों पर झेलम नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया और बाढ़ का पानी रिहायशी इलाकों में भी घुस गया. कल रात से बडगाम के जलमग्न इलाकों से लगभग 9000 लोगों को निकाला गया है. गुरुवार सुबह, श्रीनगर जिला प्रशासन ने बडगाम के शालिना में एक दरार की सूचना के बाद कई निचले इलाकों के लिए निकासी सलाह जारी की. लासजन, सोइतेंग, नौगाम, व्येथपोरा, गोपालपोरा, पदशाहीबाग और महजूर नगर के निवासियों से सुरक्षित स्थानों पर जाने का आग्रह किया गया.

जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग सहित प्रमुख सड़कों को बारिश के कारण कई स्थानों पर भूस्खलन होने तथा मलबा आ जाने के कारण यातायात के लिए बंद कर दिया गया है, जिससे कश्मीर घाटी का देश के बाकी हिस्सों से संपर्क टूट गया है.

राजमार्गों और अन्य अंतर-क्षेत्रीय सड़कों के 26 अगस्त से बंद होने के कारण कठुआ से कश्मीर तक विभिन्न स्थानों पर 3,500 से अधिक वाहन फंस गए हैं. कुछ फंसे हुए वाहनों की आवाजाही के लिए सोमवार को राजमार्ग को आंशिक रूप से खोल दिया गया था.

जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग, मुगल रोड और सिंथन रोड कई स्थानों पर भूस्खलन, मिट्टी धंसने और पत्थर गिरने के कारण वाहनों की आवाजाही के लिए बंद हैं. इसके अलावा, भूस्खलन और सड़कों के कुछ हिस्सों के बह जाने के कारण जम्मू-राजौरी-पुंछ राजमार्ग और बटोटे-डोडा-किश्तवाड़ राजमार्ग सहित महत्वपूर्ण राजमार्ग यातायात के लिए बंद हैं.

अधिकारियों ने बताया कि जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग, मुगल रोड, सिंथन-अनंतनाग रोड, जम्मू-पुंछ राजमार्ग और बटोटे-डोडा-किश्तवाड़ राजमार्ग बंद होने से कश्मीर घाटी से सभी तरह का सतही संपर्क टूट गया है. यातायात पुलिस के परामर्श में कहा गया है, "कई जगहों पर सड़क क्षतिग्रस्त होने के कारण जम्मू-श्रीनगर मार्ग उधमपुर के जखनी से श्रीनगर की ओर तथा श्रीनगर से उधमपुर की ओर वाहनों की आवाजाही के लिए बंद है.

नगरोटा (जम्मू) से रियासी, चेनानी, पटनीटॉप, डोडा, रामबन, बनिहाल, श्रीनगर की ओर वाहनों की आवाजाही की अनुमति नहीं होगी. अधिकारियों ने बताया कि इसके अलावा कठुआ, राजौरी, डोडा, किश्तवाड़, रामबन और रियासी में कई अंतर-जिला सड़कें भूस्खलन और पत्थर गिरने के कारण बंद हैं.

हिमाचल प्रदेश में 12 जिले प्रभावित
भारी बारिश और बाढ़ से हिमाचल प्रदेश के सभी 12 जिले, बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, कांगड़ा, किन्नौर, कुल्लू, लाहौल-स्पीती, मंडी शिमला, सिरमौर, सोलन, ऊना प्रभावित बताए जा रहे हैं. 1 जून से लेकर 4 सितंबर के आंकड़ों के हिसाब से अब तक 355 लोगों की जान जा चुकी है. हिमाचल में सबसे अधिक प्रभावित राज्यों में मंडी, कुल्लू, कांगड़ा, चंबा और शिमला शामिल है. वहीं, बाढ़ और बारिश से कई इमारतें, सड़के क्षतिग्रस्त हो गईं. इस प्राकृतिक आपदा से अब तक 3787.17 करोड़ रुपये का राज्य को नुकसान हुआ है. बारिश के कारण मकान ढहने और भूस्खलन की घटनाओं में हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में 10 लोगों की मौत हो गई. हिमाचल प्रदेश में एहतियातन सभी स्कूल और कॉलेज सात सितंबर तक बंद करने के आदेश दिए गए हैं.

मध्य प्रदेश में बाढ़ से आमजीवन त्रस्त, 26 जिले बाढ़ से प्रभावित
मध्य प्रदेश के 26 जिले बाढ़ से प्रभावित बताए जा रहे हैं. खबर के मुताबिक, रतलाम में भारी बारिश की वजह से जनजीवन प्रभावित हुआ है. बारिश का आलम यह है कि रतलाम की सड़कें और स्टेशन की पटरियों पर पानी भर गया है. शहर के न्यू रोड, पी एंड टी कॉलोनी सहित निचले इलाकों में सड़के जलमग्न है. स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 4 की पटरियां पानी में डूबी हुई है. जिसकी वजह से पायलेटिंग करके ट्रेनों को निकाला जा रहा है. भारी बारिश की चेतावनी के बाद रतलाम कलेक्टर ने गुरुवार को स्कूलों में अवकाश घोषित किया. सैलाना क्षेत्र में अत्यधिक बारिश के बाद धोलावाड़ डैम के सभी 5 गेट खोले गए हैं.

रतलाम जिले में बारिश का आंकड़ा 43 इंच के पार पहुंच गया है. सबसे ज्यादा 66 इंच बारिश सैलाना क्षेत्र में दर्ज की गई है. जिसकी वजह से रतलाम को जल आपूर्ति करने वाला धौलावड़ डैम लबालब हो गया है. जिसके बाद धोलावाड़ डैम के सभी 5 गेट खोले गए हैं. अतिवृष्टि की वजह से खेतों में भी पानी भर गया है. मौसम विभाग के द्वारा जारी अलर्ट के अनुसार रतलाम, झाबुआ, अलीराजपुर और मंदसौर जिले में आगामी तीन दिनों तक बारिश का दौर जारी रह सकता है.

दिल्ली का ओल्ड यमुना ब्रिज, आईएसबीटी, आईटीओ, राजघाट, और लाल किला परिसर जलमग्रन
दिल्ली में बाढ़ से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है. यह स्थिति हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण हुई है. गुरुवार सुबह 10 बजे यमुना का जलस्तर 207.47 मीटर दर्ज किया गया है जो खतरे के निशान से करीब दो मीटर अधिक है. इससे पहले बुधवार 3 सितंबर को दोपहर 3 बजे पुराने लोहे के पुल (रेलवे ब्रिज) पर यमुना का जलस्तर 207.09 मीटर दर्ज किया गया था. राजधानी में अब तक 8,018 लोगों को राहत शिविर कैंपों में ले जाया गया है, जबकि 2,030 लोगों को 13 स्थायी आश्रय स्थलों में ट्रांसफर किया गया है.

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