Friday, May 9, 2025

Vice President Jagdeep Dhankhar का बयान , हर भारतीय को हमेशा राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखना चाहिए

जैसलमेर। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ Vice President Jagdeep Dhankhar ने जैसलमेर में बीएसएफ सैनिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए जवानों से कहा कि आपके बीच आकर मुझे नई ऊर्जा का अनुभव हो रहा है और यह पल मेरे लिए हमेशा यादगार रहेगा। अपने विद्यार्थी जीवन को याद करते हुए धनखड़ ने कहा, “मैं सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ का छात्र रहा हूं। मैंने कक्षा 5 में वर्दी पहनी थी। मैं वर्दी की ताकत और महत्व जानता हूं। मैंने बचपन में देखा है कि कैसे एक वर्दी अचानक आपको बदल देती है।” सीमा सुरक्षा बल के जवानों की लगन की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा, “मैं आपको देखकर अभिभूत हूं! देश की प्रथम रक्षा पंक्ति – सीमा सुरक्षा बल अपने कर्तव्यों का बखूबी निर्वहन कर रहा है। आपका कार्य अत्यंत प्रशंसनीय और सराहनीय है।”

Vice President Jagdeep Dhankhar का दौरा

गौरतलब है कि गुरूवार शाम उपराष्ट्रपति ने जैसलमेर में बीएसएफ की बावलियांवाला सीमा चौकी का दौरा किया और वहां तैनात जवानों से मुलाकात की। इस अवसर पर उन्होंने ‘तनोट विजय स्तम्भ’ पर कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से अमर शहीदों को श्रद्धांजलि भी अर्पित की। कठिन परिस्थितियों में अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे बीएसएफ जवानों की वीरता की सराहना करते हुए धनखड़ ने कहा कि ऐसी भीषण गर्मी में कुछ मिनट भी खड़ा रहना कठिन है। चारों ओर का वातावरण चुनौतीपूर्ण है और सीमा पर आपको पलक झपकने का भी समय नहीं मिलता।

जवानों के जज्बे को किया सलाम

उन्होंने आगे कहा कि हिमालय की ऊंची पहाड़ियों, थार के तपते रेगिस्तान, पूर्वोत्तर के घने जंगलों और दलदली रण क्रीक में बीएसएफ जवानों की सतर्कता बेमिसाल है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि सीमा सुरक्षा बल के जवान अपने आदर्श वाक्य “आजीवन कर्तव्य” को हर पल निभा रहे हैं। अपने परिवारों के बलिदान को याद करते हुए धनखड़ ने कहा, “आज मैं उन माताओं को नमन करता हूं जिन्होंने आप जैसे वीर सपूतों और वीर नारियों को जन्म दिया और उन्हें राष्ट्र की सेवा में समर्पित कर दिया। रक्षा बलों में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमने गणतंत्र दिवस पर कर्तव्य पथ पर भारत की बदलती तस्वीर देखी, जहां हमारी बेटियों ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया! यहां उनकी भागीदारी देखकर मुझे बहुत खुशी हुई।

शहीदों को दी श्रद्धांजली

राष्ट्र की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले अमर शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए धनखड़ ने कहा, “मैं उन प्रहरियों को नमन करता हूं जो आज हमारे बीच नहीं हैं, जो मां भारती की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति देकर अमर हो गए। मैं उन वीर जवानों के परिवारों को भी विनम्रतापूर्वक नमन करता हूं।”

रक्षा क्षेत्र में भारत की बढ़ती आत्मनिर्भरता का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि एक समय था जब कील तक आयात की जाती थी लेकिन अब हम रक्षा उपकरण निर्यात कर रहे हैं। देश में विमानवाहक पोत विक्रांत बना, देश में फ्रिगेट बने, तेजस बना, मिसाइलें बनीं और यह सब इसलिए संभव हुआ क्योंकि आप सीमाओं पर शांति बनाए रखते हैं। उन्होंने बीएसएफ जवानों से कहा कि आप शांति के दूत हैं; आपकी बदौलत भारत दुनिया में शांति का दूत है और यह गर्व की बात है कि बीएसएफ दुनिया का सबसे बड़ा सीमा सुरक्षा बल है। और मैं यहां से ऊर्जा से भरकर, नई प्रेरणा लेकर जा रहा हूं।

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