BrahMos Anti-Ship Missile , नई दिल्ली: भारत-पाकिस्तान में बढ़ते तनाव के बीच भारतीय नौसेना ने अपनी युद्ध तैयारी का दमदार प्रदर्शन करते हुए अरब सागर में कई सफल एंटी-शिप फायरिंग की. नौसेना ने अत्याधुनिक ब्रह्मोस एंटी-शिप मिसाइल का परीक्षण किया, जिसकी रेंज करीब 300 किलोमीटर है.
BrahMos Anti-Ship Missile अरब सागर में तैनात
इस परीक्षण के साथ ही भारतीय नौसेना ने स्पष्ट कर दिया कि वह किसी भी समय, कहीं भी, किसी भी प्रकार से राष्ट्र के समुद्री हितों की रक्षा करने के लिए युद्ध के लिए तैयार, विश्वसनीय और भविष्य के लिए सक्षम है. 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने अपनी सैन्य तैयारियों को और तेज कर दिया है. हमले के 48 घंटे के भीतर भारतीय नौसेना ने अपने विध्वंसक युद्धपोत आईएनएस सूरत से सतह से हवा में मार करने वाली मध्यम दूरी की मिसाइल का सफल परीक्षण किया. इस दौरान आईएनएस सूरत ने समुद्र में एक लक्ष्य को सटीकता से भेदा.
इसके अलावा, हाल ही में डीआरडीओ और भारतीय नौसेना ने स्वदेशी वर्टिकल-लॉन्च्ड शॉर्ट-रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल (वीएल-एसआरएसएएम) का भी सफल परीक्षण किया. यह परीक्षण 26 मार्च को ओडिशा के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज से किया गया था, जिसमें मिसाइल ने कम ऊंचाई पर उच्च गति वाले हवाई लक्ष्य को सटीकता से नष्ट किया.
ग्लाइड बम गौरव का भी सफल परीक्षण
भारतीय रक्षा क्षमता को और मजबूती देते हुए, इसी महीने भारत ने लड़ाकू विमान से दागे जाने वाले लंबी दूरी के ग्लाइड बम गौरव का भी सफल परीक्षण किया है. 8 से 10 अप्रैल के बीच सुखोई-30 एमकेआई विमान से किए गए ट्रायल्स के दौरान गौरव बम ने लगभग 100 किलोमीटर दूर स्थित लक्ष्यों पर अत्यधिक सटीक निशाना साधा. इस परियोजना में अदाणी डिफेंस सिस्टम्स एंड टेक्नोलॉजीज ने भी भागीदारी निभाई.
इन परीक्षणों के जरिए भारत ने न केवल अपने आत्मनिर्भर रक्षा उत्पादन की दिशा में एक और कदम बढ़ाया है, बल्कि मौजूदा हालात में अपने दुश्मनों को भी स्पष्ट संदेश दिया है कि भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना — सभी मोर्चों पर पूरी तरह तैयार हैं.