Friday, September 5, 2025

खेजुरी में भाजपा कार्यकर्ताओं की मौत पर हाईकोर्ट का बड़ा आदेश

- Advertisement -

पश्चिम बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं की मौत मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट ने अहम निर्देश दिए हैं। अब 17 लोगों के कॉल रिकॉर्डिंग की जांच कराई जाएगी। इन लोगों में डॉक्टर, अनुसंधान अधिकारी जैसे लोग शामिल हैं। जानिए क्या है पूरा मामला

पश्चिम बंगाल के पूर्व मिदनापुर के खेजुरी में जलसा देखने गए दो भाजपा कार्यकर्ताओं की मौत के मामला गहराता जा रहा है। इस घटना में दो बार अलग-अलग पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर बुधवार को कलकत्ता हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने कड़ा रुख अपनाया और कड़े सवाल खड़े किए। कोर्ट ने कहा, दो पोस्टमार्टम रिपोर्ट अलग-अलग आई हैं। अगर ऐसा ही हुआ तो लोगों का विश्वास पूरे सिस्टम से उठ जाएगा। न्यायमूर्ति देबांशु बसाक और न्यायमूर्ति सब्बर रसिदी की खंडपीठ ने मामले में कुल 17 लोगों के कॉल रिकॉर्ड की जांच करने का निर्देश दिया। अदालत ने साफ किया कि सीबीआई जांच होनी चाहिए या नहीं, इसका फैसला मुख्य याचिका की सुनवाई के दौरान होगा। दरअसल, 12 जुलाई को जलसा देखने गए भाजपा कार्यकर्ता सुजीत दास और सुजीत पाइक की मौत हो गई थी। मिदनापुर मेडिकल कॉलेज की पहली पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पुलिस ने दावा किया था कि दोनों की मौत बिजली का झटका लगने से हुई। इसके बाद मृतकों के परिवार ने इसे हत्या बताया और हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

दोबारा पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चोट के निशान
इसके बाद अदालत के आदेश पर एसएसकेएम अस्पताल में दोबारा पोस्टमार्टम कराया गया, जहां शव पर चोट के निशान पाए गए। इसी आधार पर बुधवार को अदालत ने कड़े सवाल उठाए। न्यायमूर्ति बसाक ने टिप्पणी की, दूसरी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अत्याचार के निशान कैसे मिले। इतने बड़े मेले में इतनी गंभीर घटना हो गई, फिर भी किसी प्रत्यक्षदर्शी का बयान क्यों नहीं है। यह साफ है कि गवाह डरे हुए हैं। उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करें। उन्होंने आगे कहा, यह कहना मुश्किल है कि बिजली के खंभे से गिरने से मौत हुई, क्योंकि शरीर पर अन्य चोटें भी थीं, जो दूसरी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आई हैं।

जिनके नाम सामने आए हैं, उनके खिलाफ जांच शुरू होनी चाहिए
न्यायमूर्ति बसाक ने महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए कहा, दो पोस्टमार्टम रिपोर्ट अलग-अलग आई हैं। अगर ऐसा ही हुआ तो लोगों का विश्वास पूरे सिस्टम से उठ जाएगा। कोर्ट ने निर्देश दिया कि डॉक्टर, जांच अधिकारी (आईओ), थाना प्रभारी (ओसी) समेत 17 लोगों के मोबाइल फोन की कॉल रिकॉर्डिंग की जांच की जाए। साथ ही, जिन 17 लोगों के नाम सामने आए हैं, उनके खिलाफ कम से कम जांच शुरू की जानी चाहिए।

Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.

Latest news

Related news