Sunday, February 23, 2025

Mukhtar Ansari : बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी की हार्टअटैक से मौत, पूरे उत्तर प्रदेश में धारा 144 लागू

उत्तर प्रदेश में कुख्यात अपराध का दूसरा नाम कहे जाने वाले सजायाफ्ता मुख्तार अंसारी Mukhtar Ansari की बांदा जेल में  मौत हो गई है. बताया जा रहा है कि मुख्तार अंसारी की मौत हार्ट अटैक के कारण हुई है. बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी की दो दिन पहले मंगलवार को भी तबियत खराब हुई थी, तब इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया था फिर तबियत में सुधार होने के बाद शाम को वापस बांदा जेल  लाया गया था. जानकारी के मुताबिक गुरुवार की शाम रोजा तोड़ने के बाद पेट दर्द की शिकायत की और बेहोश हो गये. अचानक जेल में बेहोश हो जाने के बाद डॉक्टरों की टीम बंदा जेल पहुंची, फिर इंटेसिव केयर के लिए बांदा के रानी दूर्गावती मेडिकल क़लेज ले जाया गया , जहां रात करीब 10 बजे अस्पताल के प्रिंसिपल ने जानकारी दी कि पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की दिल का दौरा पड़ने के काऱण मौत हो गई है.

Mukhtar Ansari की मौत के बाद यूपी में धारा 144 लागू 

मुख्तार अंसारी के अस्पताल में भर्ती होने के थोड़ी देर बाद ही जेल परिसर के बाहर कड़ी सुरक्षा तैनात कर दी गई थी. मुख्तार अंसारी की मौत की खबर के बाद से उत्तर प्रदेश के कासगंज में पुलिस ने फ्लैग मार्च शुरु कर दिया है और किसी भी तरह की तनाव की स्थिति से निबटने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किये गये हैं. पूरे उत्तर प्रदेश में धारा 144 लागू कर दी गई है.

प्रतिष्ठित परिवार का मुख्तार,कैसे बना खौफ का दूसरा नाम ?

मुख्तार अंसारी का जन्म उत्तर प्रदेश के यूसुफपुर के एक प्रतिष्ठित परिवार में सन 1963 में हुआ था. मुख्तार के दादा अहमद अंसारी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साथ देश  में आजादी की लड़ाई लड़ी.मुख्तार के नाना ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान ने 1947 में देश के लिए लड़ाई लड़ते हुए अपनी शहादत दी.  मुख्तार अंसारी का परिवार उत्तर प्रदेश के गाजीपुर का एक प्रतिष्ठित राजनीतिक परिवार माना जाता था लेकिन उसी परिवार मे जन्मे मुक्तार अंसारी ने जल्द जल्दी दौलत और शोहरत कमाने के लिए शॉर्टकर्ट का रास्ता इख्तियार करना शुरु किया और धीरे धीरे अपराध के दलदल में फंसता चला गया. कम उम्र में ही मुख्तार ने कोयला खनन, रेलवे से बड़े बड़े कांट्रेक्ट हासिल करने शुरु कर दिये. यये वो समय था जब समय उत्तर प्रदेश में माफिया डान ब्रजेश सिंह की तूती बोलती थी. मुख्तार अंसारी ने धीरे धीरे ब्रजेश सिंह को टक्कर देना शुरु किया और खुद को माफिया डॉन के रुप में स्थापित कर लिया.

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वो केस जिसने बदल दी मुख्तार अंसारी की जिंदगी…

मामला 2002 का है जब बीजेपी के बड़े नेता कृष्णानंद राय की हत्या का आरोप अंसारी बंधुओं पर लगा था. 2002 में कृष्णानंद राय ने मुख्तार अंसारी के प्रभुत्व वाले गाजीपुर के मौहम्मदाबाद सीट पर मुख्तार के बड़े भाई अफजाल अंसारी को चुनाव में मात दी थी. उसके बाद से ही कृष्णानंद राय के साथ अंसारी बंधुओं की दुश्मनी शुरु हो गई थी. इसी क्रम में 29 नंवबर 2005 को कृष्णानंद राय पर उनके घर के बाहर ही 500 राउंड गोलिया दागी गई थी.इस हमले में कृष्णानंद राय समेत 7 लोगों की हत्या कर दी गई थी.इस नृशंस हत्या का आरोप असांरी बंधुओं पर लगा था.इस हत्याकांड ने पूरे पूर्वांचल को थर्राकर रख दिया था और मुख्तार अंसारी की गिनती कुख्यात माफिया डॉन में होने लगी. मुख्तार अंसारी पर अब तक 65 मुकदमें दर्ज थे. कई में सजा सुनाई जा चुकी है औऱ कई केस अभी भी अदालतों में चल रहे हैं.

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