दतिया , मध्यप्रदेश:भगवान श्री राम की जन्मस्थली अयोध्या में श्री राम मंदिर निर्माण के लिए 500 वर्षों से संघर्ष चला है.कई साधु संत, राम भक्तों व कारसेवकों ने रामलला मंदिर के लिए अपनी कुर्बानियां दी है.कई साधु संतो ने तो मंदिर का निर्माण नहीं होने तक कई चीजों का परित्याग किया.इन्हीं तपस्वियों में से एक हैं दतिया के मौनी बाबा.ये बाबा 44 सालों से राम मंदिर निर्माण के लिए मौन व्रत पर रहे हैं. दतिया के मौनी बाबा Mouni Baba ने कलेक्टर और एसपी को साफ कहा है कि अगर 22 जनवरी को उन्हें अयोध्या नहीं पहुंचाया तो वे प्राण त्याग देंगे.
Mouni Baba ने अपने गुरु का संकल्प किया पूरा
मौनी बाबा ने यह प्रण अपने गुरु पूज्य संत दामोदरदास मौनी बाबा से लिया था. 100 वर्ष पहले उनाव बालाजी पर रहने वाले संत दामोदरदास उर्फ मौनी बाबा ने प्रण लिया था कि जब तक अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण नहीं हो जाता तब तक के लिए अन्य अन्न का परित्याग करेंगे. वह केवल फलाहारी ही रहेंगे.पादुका त्याग करते हुए उन्होंने मौन व्रत धारण किया था. दामोदर दास महाराज ने अपना शरीर त्याग दिया और गुरु शिष्य परंपरा का निर्वहन करते हुए उनके शिष्य मोहन गोपाल दास उर्फ मौनी बाबा ने संकल्प को आगे बढ़ाया.
1980 से धारण है मौन व्रत साधना
गोपाल दास उर्फ मौनी बाबा इन दिनों दतिया के प्रसिद्ध अनामय आश्रम में रहते हैं.मौनी बाबा 1980 से मौन व्रत की साधना कर रहे हैं.जिसके लिए मौनी बाबा तपस्या कर रहे थे,लगभग चार दशक से अधिक समय गुजर जाने के बाद वह शुभ अवसर भी आ ही गया.अब 22 जनवरी को उनके आराध्य प्रभु श्री राम लला को पुनः अयोध्या के नवनिर्मित श्री राम जन्मभूमि मंदिर में स्थापित किया जा रहा है.लेकिन मौनी बाबा को अयोध्या से किसी प्रकार का कोई आमंत्रण नहीं मिला है. इसी के बाद से मौनी बाबा धरने पर बैठ गए हैं.
एसपी ने बाबा को दिया आश्वासन
मौनी बाबा के धरने पर बैठते ही दतिया कलेक्टर संदीप माकिन ने अपने कर्मचारियों को बाबा को मनाने भेजा.मौनी बाबा अपने हठ पर अडिग रहे.उन्होंने लिखकर बताया कि या तो अयोध्या जाएंगे या फिर अपने प्राणों को त्याग देंगे.पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने बाबा को मनाने का प्रयास किया.बाबा एसपी के आश्वासन पर धरने से उठ गए हैं.बाबा को आश्वासन दिया गया है कि उन्हें अयोध्या पहुंचाया जाएगा.दतिया पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने इस मामले पर कहा हम कलेक्टर साहब से बात करके अयोध्या प्रशासन तक मौनी बाबा की बात पहुंचाएंगे और उन्हें मंन्दिर तक पहुंचाने का प्रबंध करेंगे.जिससे उनकी वर्षों की तपस्या पूरी हो सके.