पटना, (ब्यूरो चीफ अभीषेक झा), बिहार में शिक्षा विभाग के ACS KK Pathak एक बार फिर सुर्खियों में हैं. नई सरकार बनने के बाद स्कूल की टाइमिंग को लेकर सड़क से सदन तक संग्राम मचा हुआ है. पक्ष- विपक्ष सभी एक साथ स्कूल की टाइमिंग को लेकर के के पाठक के खिलाफ सदन में खड़े हैं. के के पाठक पर कार्रवाई की मांग को लेकर विपक्ष और पक्ष दोनों हमलावर हैं.
KK Pathak का नीतीश सरकार के मंत्री ने किया बचाव
इस पूरे विवाद में सरकार बिहार के शिक्षा सचिव केके पाठक का बचाव करती नज़र आ रही है. पाठक के स्कूल समय पर फैसले पर जेडीयू नेता अशोक चौधरी ने कहा, “मेरा मानना है कि केके पाठक ने शिक्षा विभाग के लिए प्रयास किया है जिसके कारण वे छात्र जो कभी स्कूल नहीं आते थे, वे आने लगे हैं. ग्रामीण इलाकों में लोग कहते हैं कि केके पाठक की कार्यप्रणाली और कार्यशैली के कारण जो शिक्षक अनुपस्थित रहते थे आना भी शुरू हो गया है.”
VIDEO | Here’s what JD(U) leader Ashok Choudhary said on Bihar Education Secretary KK Pathak’s decision on school timings.
“I believe that KK Pathak has made efforts for the education department because of which those students who never came to school have started coming. People… pic.twitter.com/ecV2ENz7ZA
— Press Trust of India (@PTI_News) February 22, 2024
स्कूल की टाइमिंग 9 से 5 करने पर अड़े है केके पाठक
स्कूल की टाइमिंग को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन में मंगलवार को अधिकारिक घोषणा कि स्कूल 10 बजे से 4 बजे तक चलेगा. बावजूद इसके नीतीश के चहेते अधिकारी के के पाठक ने शाम को एक वीडियो कान्फ्रेंसिंग कर अधिकारियों की बैठक ली. इस बैठक में वह अभद्र व असंयमित शब्दों का प्रयोग करते नज़र आए. उन्होंने कहा कि बच्चे भले 10 बजे आए लेकिन शिक्षक आकर साफ सफाई करे. के के पाठक ने ये भी कहा कि स्कूल से शिक्षक की अनुपस्थिति होने पर वेतन में कटौती होगी.
विधानसभा और विधान परिषद दोनों में हुआ हंगामा
मंगलवार को विधानसभा में स्कूलों के टाइम को लेकर हंगामा हुआ तो बुधवार को विधान परिषद में के के पाठक के वायरल वीडियो को लेकर घमासान छिड़ गया. विपक्ष पेन ड्राइव में पाठक का वीडियो लेकर पहुंचा था और उन्हें बर्खास्त करने की मांग कर रहा था. हलांकि सत्ता पक्ष सदन में वीडियो नहीं दिखाए जाने की बात कह रहे थे. आखिर में ये तय हुआ कि सभापति, शिक्षा मंत्री, विपक्ष के प्रतिनिधि व सदन के वरीय सदस्यों की उपस्थिति में वीडियो का आकलन किया जाएगा और इसके बात जो भी फैसला होगा सरकर उसे मान कार्रवाई करेगी.