Meerut: जैसे जैसे लोक सभा चुनाव का समय नजदीक आ रहा है, देश के कई हिस्सों में परस्पर सौहाद्र को खराब करने के लिए असमाजिक तत्वों द्वारा कोशिशें बढ़ गई हैं. ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के मेरठ में देखने के लिए मिला है. यहां कुछ अज्ञात लोगों पर आरोप है कि उन्होने 6 गायों को Meerut cow Murder जहरीला खाना खिलाकर मार डाला. इलाके में इस घटना के बाद से सनसनी फैली हुई है. स्थानीय लोगों का कहना है कि Meerut cow Murder मेरठ जनपद के परतापुर क्षेत्र में गगोल गांव के खेतों में आवारा घूम रही छह गायों को जहर देकर मार दिया गया और फिर उन्हें जमीन में दबा दिया गया.आरोप है कि अज्ञात ग्रामीणों ने घटना को अंजाम दिया.
Meerut cow Murder जहरीले खाने से गई 6 गायों की जान
मामले की जानकारी समाने आई तो खबर जंगल क आग की तरह फैली.आनन फानन में गांव के लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरु किया. लोगों के विरोध को देखते हुए गौवंश को जमीन के नीचे से निकलवाया और उनके पोस्टमार्टम कराया गया. स्वास्थ्य विभाग की अधिकारी डॉ. प्रियंका शर्मा ने अवशेषों को निकलवाकर पोस्टमार्टम कराया. उसके बाद उन्होंने कहा कि जहरीला पदार्थ के सेवन से गायों की मौत हुई है. बिसरा सुरक्षित रखा गया है. आपको बता दें कि परतापुर थाना क्षेत्र में सड़कों पर आवारा पशुओं का बोलबाला है, जो खेतों में जाकर फसलों को काफी ज्यादा नुकसान करती हैं. लोगों का कहना है कि कई बार भारतीय किसान यूनियन के नेताओं ने आवारा पशुओं को लेकर आवाज उठाई लेकिन कोई सुनवाई नहीं की गई.
गोवंशों का किया गया पोस्टमार्टम
ग्रामीणों का कहना है कि गायों को जहर देकर मारा गया और जमीन में दबा दिया. वहीं, पूर्व प्रधान महेंद्र गुर्जर की चार गाय और दो बछिया मर गई थीं. जिनको नरेश के मकान के पीछे दबा दिया गया था. ग्रामीणों को इस बात का पता चला तो ग्रामीण एक साथ हो गए और इस घटना पर अपना क्रोध दिखाने लगे. वर्तमान प्रधान राजपाल वाल्मिकी भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने घटना की जानकारी पुलिस को दी. जिस पर पुलिस ने पशुचिकित्साधिकारी को मौके पर बुलाकर गोवंशों का पोस्टमार्टम कराया.
ये भी पढ़ें: Rajyasabha Election 2024 : क्रॉस वोटिंग ने भाजपा को जिताया, सपा कैंडिडेट आलोक रंजन हारे
पशु चिकित्सा अधिकारी का बैसिर पैर वाला बयान
दरअसल गौवंश की हत्या से उत्तेजित गांव वालों के गुस्से को देखते हुए पशुचिकित्सा अधिकारी ने लोगों को एक कहान बताई जो लोगो के गले नहीं उतर रही है. पशु चिकित्साधिकारी डॉ. प्रियंका शर्मा ने बताया कि पूर्व प्रधान महेंद्र सिंह गुर्जर ने कई माह पहले घर में एक काले कोबरे को मार डाला था, तब से एक काली नागिन उनके घर के आसपास घूमती रहती थी. फिलहाल नागिन से बचाव के लिए पूर्व प्रधान ने अपने चारे के खेत में फोरेट व गैमक्सीन डाल दी थी. जिससे नागिन भाग जाए. वहीं तीन दिन पहले पूर्व प्रधान ने खेत का चारा अपने पशुओं को खिलाया, जिससे तुरंत बाद गायों की मौत हो गई. ग्रामीणों से इस बाबत बात की गई तो ग्रामीणों का कहना है कि पशुचिकिसत्सक की बात गले नहीं उतर रही.
गांव के लोग गौवंश के इस तरह से हत्या से नाराज है और इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं .