लखनऊ: जातीय गणना और आरक्षण को लेकर अन्य राज्यों में भी इसकी मांग तेज होती जा रही है. उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव लगातार इसे मामला बनाए हुए हैं. अब मायावती Mayawati ने भी इसे लेकर हुंकार भरी है.मायावती ने साफ बोला कि राज्यों से कुछ नहीं होगा केंद्र गवर्नमेंट पूरे राष्ट्र में जातीय गणना कराए.मायावती ने बोला कि केन्द्र सरकार के लिए अब इस मामले पर बिना देरी के सकारात्मक कदम उठाना महत्वपूर्ण हो गया है.
![Mayawati](https://thebharatnow.in/wp-content/uploads/2023/12/mayawati-1.jpg)
Mayawati ने पोस्ट के जरिये की मांग
बसपा प्रमुख मायावती ने शनिवार को एक्स पर एक पोस्ट में बोला कि 4 दिसंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र से पहले, आज सर्वदलीय बैठक में बसपा द्वारा गवर्नमेंट से राष्ट्र में जातीय जनगणना कराए जाने की मांग की गई. अब जबकि इसकी मांग राष्ट्र के कोने-कोने से उठ रही है, केन्द्र गवर्नमेंट द्वारा इस बारे में अविलम्ब सकारात्मक कदम उठाना महत्वपूर्ण हो गया है.
कांग्रेस पार्टी अपने अपराधों पर पर्दा डालने में व्यस्त
मायावती ने बोला कि महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, बदहाल सड़क, पानी, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य और कानून प्रबंध से त्रस्त और जातिवादी शोषण-अत्याचार से पीड़ित राष्ट्र के लोगों में जातीय जनगणना के प्रति जो जागरूकता है. वह BJP की नींद उड़ाए है.कांग्रेस पार्टी अपने अपराधों पर पर्दा डालने में व्यस्त है.मायावती ने बोला कि वैसे विभिन्न राज्य सरकारें ‘सामाजिक न्याय’ की दुहाई देकर आधे-अधूरे मन से जातीय जनगणना कराकर जनभावना को काफी हद तक साधने का कोशिश कर रही हैं लेकिन इसका ठीक निवारण तभी संभव है जब केन्द्र सरकार राष्ट्रीय स्तर पर ठीक जातीय जनगणना कराकर लोगों को उनका अधिकार देना सुनिश्चित करेगी.
जातीय गणना को मिला सपोर्ट
विपक्षी दल ही नहीं केंद्र और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में शामिल दलों ने भी जातीय गणना का समर्थन किया है.अपना दल की प्रमुख और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल, निषाद पार्टी के संजय निषाद ने जातीय गणना का खुलकर समर्थन किया है. सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर ने भी जातीय गणना की मांग की है.डिप्टी मुख्यमंत्री केशव प्रसाद ने भी यह कह कर सनसनी फैला दी कि वह भी जातीय गणना के पक्ष में हैं.