सावित्री सतयुग में ही नहीं कलयुग में भी होती है
सावित्री सत्यवान की कहानी तो सुनी होगी कि सावित्री अपने पति के प्राणों की रक्षा के लिए स्वयं यमराज से भी लड़ गई और अपने पति के प्राण बचा लिये लेकिन हम कहें कि ऐसा कलयुग में भी हुआ है तो शायद यकीन ना हो लेकिन शनिवार को मथुरा के रेलवे स्टेशन पर ऐसा ही एक दृश्य दिखा,जिसे देखकर हर किस को सावित्री सत्यवान की कथा याद आ गई.
70साल के बुजुर्ग केशवम अपनी पत्नी दया के साथ निजामुद्दीन से कोझिकोड कोयंबटूर एक्सप्रेस ट्रेन से यात्रा कर रहे थे. चलती ट्रेन में उन्हें हार्ट अटैक आ गया. आरपीएफ के जवानों ने बुजुर्ग को मथुरा स्टेशन पर उतारा.अचानक दौरा पड़ने से बुजुर्ग मूर्छित होकर गिर पड़े.आसपास के लोगों और आरपीएफ के जवानो ने उन्हें उठा कर वहीं पास के बेंच पर लिटा दिया. बुजर्ग की पत्नी ने स्थिति की गंभीरता को समझा और अपने मुंह से उन्हें सांस देने लगी. करीब 33 सेकेंड तक बुजुर्ग महिला दया ने अपने पति के सीने में अपनी सांस भरती रही.इस दौरान वहां मौजूद आरपीएफ के जवान भी सहायता के लिए आगे आये और उन्होंने बुजुर्ग के हाथ पैर की मालिश की और सीपीआर दिया.करीब 10 मिनट के बाद मूर्छित बुजुर्ग ने हरकत की.होश आने के बाद स्ट्रेचर और एंबुलेंस मंगाया गया और बुजुर्ग को अस्पताल में भर्ती कराया गया.