बिहार: शुक्रवार को बिहार विधान सभा के शीतकालीन सत्र का आखिरी दिन है. लेकिन सत्र ख़त्म होने से पहले ही पक्ष -विपक्ष की बयानबाज़ी से माहौल बिगड़ दिया है. शुक्रवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही गुरुवार को जीतन राम मांझी को लेकर दिए गए सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के बयान को लेकर हंगामा शुरू हो गया. इसके बाद पहले जेडीयू विधायकों ने पीएम मोदी को लेकर हंगामा शुरू कर दिया. बाद में सदन की कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित कर दी गई. सदन में जो हुआ वो तो अच्छा था ही नहीं लेकिन जो सदन के बाहर आकर जो जीतन राम माझी ने सीएम नीतीश के लिए कहा वो सनसनीखेज था.
Nitish Kumar को ज़हर दिया जा रहा है: जीतनराम मांझी
शुक्रवार को स्पीकर के कमरे के बाहर बीजेपी विधायकों के साथ हम पार्टी के सुप्रीमों और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने धरना दिया. मांझी नीतीश कुमार के गुरुवार के बयान से आहत थे. बात में मीडिया से बात करते हुए मांझी ने कहा, ‘की उन्होंने (नीतीश कुमार) मर्यादा भंग की भी और उम्र के तकाज़ा को भी ध्यान में नहीं रखा. उनको (नीतीश कुमार) तू तड़ाक करके बात नहीं करना चाहिए थी.’
मांझी यहीं नहीं रुके उन्होंने सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा कि, ‘सीएम को विषैला खाना खिलाया जा रहा है .. जिसका कारण है कुछ दिनों से पता नहीं क्या-क्या बोल रहे हैं. उनके संस्कार गिर गया है.’
मांझी पर क्यों भड़के थे सीएम नीतीश कुमार
असल में गुरुवार को जब सदन में जाति गणना और बिहार आरक्षण विधेयक पर चर्चा हो रही थी तभी जीतन राम माजी ने कहा कि, जनगणना का काम सही तरीके से नहीं हुआ है. इसलिए लोगों को ठीक से लाभ नहीं मिला. माझी ने जाति गणना के आकड़ों पर भी सवाल उठाए. जिसे सुन सीएम नीतीश कुमार भड़क गए और कहा कि मांझी को कोई आइडिया नहीं है वो क्या बोल रहे हैं. नीतीश कुमार ने तैश में आकर ये भी कहा कि मेरी मूर्खता थी कि तुमको मुख्यमंत्री बनाया. उन्होंने मांझी पर आरोप भी लगाया कि वो अब गवर्नर बनना चाहते हैं.
ये भी पढ़ें- Bihar Assembly: अब आरजेडी की दीवाली मिठाई से भी बीजेपी को परहेज़, मिठाई खिलाने को लेकर हुई हाथापाई