मणिपुर में महिलाओं के साथ हुई शर्मनाक हरकत की तस्वीरें दिमाग से हटने का नाम नहीं ले रही हैं. अगर उन तस्वीरों को देखकर भी आपकी रुह नहीं कांपी, अगर आपका दिमाग थोड़ी देर के लिए सुन्न नहीं हो गया तो समझ लीजिए कि आपके अंदर इंसानियत मर चुकी है. वो वीडियो आपके समाज और उसपर आपके विश्वास पर ऐसा वार करता है कि सब कुछ बेमानी लगने लगता है. लेकिन कहा जाता है न कि जुल्म करने वाले से ज्यादा गुनहगार वो होता है जो खामोशी से उसे बर्दाश्त कर लेता है. इसलिए बोलिए क्योंकि बोलना ज़रूरी है.
वीडियो में क्या है?
अगर अब तक आपको नहीं पता इस वीडियो के बारे में तो हम आपको बताते हैं. बुधवार रात मणिपुर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगा. वीडियो में 20 साल की और 40 साल की 2 महिलाओं को 80 से 100 की भीड़ नग्न हालत में सड़क पर घुमाती नज़र आ रही थी. आप इस भीड़ को वहशियों का झुंड कह सकते हैं क्यों जो हरकत वो महिलाओं के साथ कर रहे थे वैसे काम जानवर भी नहीं करते. वीडियो के बारे में बताया जा रहा है कि वो 4 मई का है. यानी मणिपुर में शुरू हुई हिंसा के एक दिन बाद का. वीडियो थौबल जिले का है और इसकी एक ज़ीरो एफआईआर 18 मई को कांगपोकपी जिले में दर्ज की गई थी. हालांकि, शर्मनाक ये भी है कि “अज्ञात सशस्त्र बदमाशों” के खिलाफ अपहरण, सामूहिक बलात्कार और हत्या सहित कई आरोपों में एफआईआर दर्ज होने के दो महीने बाद अब गुरुवार को इस मामले के एक आरोपी की गिरफ्तारी हुई है वो भी तब जब वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.
कब और कहा कि है घटना?
दरअसल ये घटना कुकी-ज़ोमी प्रभुत्व वाले पहाड़ी जिले कांगपोकपी से हैं. लेकिन घटना मैतेई बहुल घाटी जिले थौबल में हुई थी. पीड़ित महिलाओं ने अपनी शिकायत में बताया कि वो पांच लोग थे. जिसमें तीन महिलाएं और सबसे छोटी महिला के दो रिश्तेदार शामिल थे. उनके गांव पर अत्याधुनिक हथियार लेकर तकरीबन 1,000 लोगों की भीड़ ने हमला किया. डर के मारे वो जंगल में भाग गए. जंगल से पुलिस ने उन्हें बाहर निकाला लेकिन जब पुलिस के साथ बाहर निकली तब भीड़ ने पुलिस से उन्हें छीन लिया. छोटी महिला के पति और भाई की पुलिस के सामने ही हत्या कर दी गई. जबकी तीन महिलाओं को नग्न कर घुमाया. हलांकि वीडियो में 2 ही महिलाएं नज़र आ रही हैं. महिलाओं का आरोप है कि भीड़ ने छोटी महिला के साथ सामूहिक बलात्कार भी किया. जिसके बाद किसी तरह तीनों महिलाएं निकटवर्ती पहाड़ी जिले तेंगनौपाल से भागने में सफल रहीं और फिलहाल राहत शिविरों में हैं.
सरकार से नहीं होगा तो हम करेंगे कार्रवाई-सुप्रीम कोर्ट
2 महीने बाद घटना का वीडियो वायरल हो गया. देश शर्मसार था और सवाल ये था कि अब पीएम मोदी बोलेंगे कि नहीं. लेकिन पीएम से पहले सुप्रीमकोर्ट ने अपनी बात रख दी. कहा अगर आपने कार्रवाई नहीं की तो हम करेंगे. फिर पीएम मोदी सामने आए कहा दिल दर्द से भरा हुआ है. सभी राज्यों को कानून-व्यवस्था मज़बूत करनी चाहिए. जिन्होंने घटना को अंजाम दिया उनकी बात अलग है लेकिन देश बदनाम हो रहा है. दोषियों को नहीं बख्शा जाएगा. पीएम बोले और फिर खबर आई कि एक आरोपी गिरफ्तार हो गया है.
मोदी, अमित शाह, स्मृति ईरानी को क्या नहीं थी घटना की जानकारी
आप चाहें तो इसे त्वरित कार्रवाई मान के खुश हो जाएं. लेकिन हमारे पास कई सवाल हैं. पहला सवाल ये है कि देश को जरूर आज इस घटना की खबर लगी होगी लेकिन प्रधानमंत्री जो शुरू से मणिपुर पर नज़र बनाए हुए हैं उन्हें तो इस शर्मनाक घटना की खबर रही होगी. गृहमंत्री जो इंफाल जाकर हालात देखकर आए उन्हें तो मणिपुर पुलिस ने इस घटना के बारे में बताया होगा. स्मृति ईरानी यानी महिला और बाल विकास मंत्री भी इस बारे में जरूर जानती ही होंगी. फिर ये सब लोग जानकर भी चुप क्यों थे. वीडियो के वायरल होने का इंतज़ार क्यों कर रहे थे. या तो जिस घटना से आज देश बदनाम हो रहा है उसे छुपाने की कोशिश की जा रही थी. क्योंकि कार्रवाई तो वीडियो के वायरल होने के बाद की गई.
देश की छवि की नहीं मणिपुर के लोगों की चिंता करें पीएम
पीएम जो मणिपुर हिंसा के लगभग तीन महीने पूरे होने पर बोलने के लिए मजबूर हुए उन्हें अभी भी चिंता मणिपुर के लोगों की नहीं देश की छवि की थी. कब तक आखिर देश और राष्ट्र के नाम पर नागरिकों को नज़र अंदाज़ किया जाएगा. इसलिए हमने कहा कि बोलिये क्योंकि अब नहीं बोले तो शायद बोलने के लायक भी नहीं बचेंगे. मैतेई और कूकी राजनीति में कल इन महिलाओं के दोषियों को भी 15 अगस्त के दिन अच्छे व्यवहार के चलते छोड़ दिया जाएगा. बिलकिस बानो याद है न आपको.
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