Saturday, July 27, 2024

यूपी : मदरसों के सर्वे के नाम पर मुसलमानों को ‘आतंकित’ करना मकसद-विपक्ष

उत्तर प्रदेश में शनिवार से गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण शुरू हो गया है. यूपी की योगी सरकार ने 30 अगस्त को एक आदेश जारी कर मदरसों के सर्वे का निर्देश दिया था. सरकार ने सभी जिलों के DM से कहा था कि गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे करवा कर सरकार को बताएं. राज्य में मदरसों के सर्वे करने की शुरूआत जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी अपनी टीम के साथ करेंगे. इनके साथ शिक्षा विभाग और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अधिकारी भी रहेंगे. वहीं यूपी सरकार के निर्देश के अनुसार पांच अक्टूबर तक सर्वे का काम पूरा होगा. जबकि 25 अक्टूबर तक शासन को सर्वे की रिपोर्ट भेजी जाएगी.
UP में मदरसों के सर्वे पर सियासत तेज़ हो गई है
मदरसों के सर्वे को लेकर सियासत भी शुरु हो गई है. इसको लेकर विपक्ष बीजेपी के खिलाफ पूरी तरह से हमलावर हो चुका है. पहले मदरसे के मुद्दे पर बीएसपी प्रमुख मायावती ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा था. अब एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बीजेपी पर निशाना साधा है.
ओवैसी का बीजेपी पर निशाना
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर लिखा, “मोदी सरकार के मदरसों के आधुनिकरण की योजना के तहत सिर्फ यूपी में और 50,000 शिक्षकों की कुल ₹750 करोड़ तनख्वाह बकाया है. संसद भवन में मैंने ही सवाल उठाया था और पूर्व अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने इस सवाल पर मुझे आश्वासन दिया था कि फंड जल्द तकसीम कर दिए जायेंगे.”


उन्होंने अगले ट्वीट में लिखा, “टीचरों की ऐसे माली हालात का क्या जिम्मेदार मैं हूं? बकाया फंड देने के लिए सरकार को कौन-से सर्वे की जरूरत है? आधुनिकरण के बहाने मदरसों को निशाना बनाया जा रहा है. बीजेपी शासित राज्यों में मदरसों को निशाना बनाया जा रहा है. जब मैंने इसकी मुखालिफत की तो मुझ पर झूठा इलजाम लगा दिया गया कि मैं मदरसों के आधुनिकरण के खिलाफ हूं.”


पहले मायावती ने उठाये थे सर्वे पर सवाल
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने शुक्रवार को ही लगातार दो ट्वीट कर बीजेपी और सरकार को निशाने पर लिया था. मायावती ने कहा, “मुस्लिम समाज के शोषित, उपेक्षित और दंगा-पीड़ित होने आदि की शिकायत कांग्रेस के ज़माने में आम रही है, फिर भी बीजेपी द्वारा ’तुष्टीकरण’ के नाम पर संकीर्ण राजनीति करके सत्ता में आ जाने के बाद अब इनके दमन और आतंकित करने का खेल अनवरत जारी है, जो अति-दुखद और निंदनीय है.”


उन्होंने आगे लिखा, “इसी क्रम में अब यूपी में मदरसों पर बीजेपी सरकार की टेढ़ी नजर है. मदरसा सर्वे के नाम पर कौम के चंदे पर चलने वाले निजी मदरसों में भी हस्तक्षेप का प्रयास अनुचित जबकि सरकारी अनुदान से चलने वाले मदरसों और सरकारी स्कूलों की बदतर हालत को सुधारने पर सरकार को ध्यान केन्द्रित करना चाहिए.”

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