छिंदवाड़ा: छिंदवाड़ा के परासिया विकासखंड में एक अज्ञात बीमारी ने कहर बरपा रखा है. इस बीमारी से बच्चों की किडनी फेल हो रही है, जिससे उनकी मौत हो जा रही है. यह सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. बीते शनिवार 27 सितंबर को परासिया के दीघावानी में रहने वाले 4 साल के विकास यदुवंशी की नागपुर में इलाज के दौरान मौत हो गई. किडनी फेल होने की वजह से अब तक इस इलाके के कुल 6 बच्चे अपनी जान गंवा चुके हैं. इस बीमारी से स्थानीय लोग डरे-सहमे हुए हैं. अब तक इन्फेक्शन के कारणों का पता नहीं चल पाया है. फिलहाल, कलेक्टर ने इस मामले में 2 निजी कंपनी के सिरप पर बैन लगा दिया है.
रहस्यमयी बीमारी से 6 बच्चों की मौत
अंजान बीमारी से हो रही बच्चों की मौतों की वजह से छिंदवाड़ा में दहशत का माहौल है. दिल्ली-भोपाल से आई विशेषज्ञों की टीम परासिया इलाके में बीमारी की पता लगाने में जुटी हुई है. लेकिन अब तक बच्चों की किडनी फेल होने के मुख्य कारण का पता नहीं लगा सकी है. 7 सितंबर को इस बीमारी से पहले बच्चे की मौत हुई थी. इन सभी बच्चों की बीमारी के शुरुआती लक्षण तेज बुखार और पेशाब रुकने के थे.
एयर एंबुलेंस का करें यूज
किडनी फेल होने से हो रही बच्चों की मौत के मामले में कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह लगातार स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर अपडेट ले रहे हैं. उन्होंने सीएमएचओ को इन प्रकरणों की पुख्ता मॉनिटरिंग के निर्देश दिए हैं. कलेक्टर ने कहा कि पूरी तरह से प्रोएक्टिव होकर काम करें, ताकि किसी भी स्थिति को गंभीर होने से रोका जा सके. जरूरत पड़ने पर मरीजों को नागपुर के एम्स अस्पताल रेफर किया जाए. यदि मरीज को तत्काल रेफर करने की आवश्यकता हो, तो एयर एंबुलेंस की व्यवस्था करें ताकि समय पर जीवन रक्षक उपचार मिल सके.
झोला छाप पर कार्रवाई, 2 सिरप बैन
डॉक्टरों द्वारा जानकारी दी गई कि कुछ परिजन बच्चों का इलाज झोला छाप डॉक्टरों से करा रहे हैं. जहां गलत दवाओं के उपयोग से स्थिति बिगड़ रही है. इस पर कलेक्टर ने ऐसे झोला छाप डॉक्टरों पर कार्रवाई के लिए भी कहा है. साथ ही 2 निजी कंपनी के सिरप के उपयोग पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. उन्होंने मेडिकल संचालकों को भी निर्देशित किया कि "बच्चों को कॉम्बिनेशन वाले सिरप न दें, केवल साधारण प्लेन सिरप ही उपलब्ध कराएं."
कलेक्टर की अभिभावकों से अपील
- बिना प्रिस्क्रिप्शन के बच्चों को दवा न दें.
- सर्दी-खांसी होने पर बच्चों को तुरंत नजदीकी सरकारी अस्पताल लेकर जाएं.
- झोला छाप डॉक्टरों से इलाज बिल्कुल न कराएं.
- हर 6 घंटे में ध्यान रखें कि बच्चा यूरिन कर रहा है या नहीं, यदि नहीं तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं.
- उल्टी या सुस्ती की स्थिति में विलंब न करें और तत्काल चिकित्सक के पास जाएं.
- बच्चों को अधिक से अधिक पानी पिलाएं.
- यदि बुखार 2 दिन से अधिक बना रहता है, तो तुरंत इलाज कराएं.
भोपाल-दिल्ली की टीम लगा रही बीमारी का पता
बच्चों को सर्दी-जुकाम और बुखार के बाद अचानक किडनी इन्फेक्शन हो रहा है. इसकी जांच के लिए इंडियन काउंसिल आफ़ मेडिकल रिसर्च यानी (ICMR) की टीम के साथ ही भोपाल स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच के लिए छिंदवाड़ी के परासिया इलाके में डेरा डाले है. टीम पूरे इलाके में घर-घर जाकर पानी, चूहा और मच्छर सहित आदि के सैंपल एकत्रित करके बीमारी का कारण पता करने में जुटी है. लेकिन अंजान बीमारी का कोई मुख्य कारण सामने नहीं आया है. टीम ने सैंपल जांच के लिए पुणे भेजे, जिनकी रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है.
5 बच्चे लड़ रहे जिंदगी-मौत की जंग
किडनी इन्फेक्शन का मामला छिंदवाड़ा जिले के अकेले परासिया विकासखंड में देखने को मिल रहा है. इस बीमारी में सबसे पहले बच्चों को बुखार के साथ सर्दी जुकाम होती है, फिर कुछ दिनों बाद अचानक किडनी में इंफेक्शन हो जा रहा है. बच्चों को पेशाब भी नहीं आ रही है. अंजान बीमारी की चपेट में आकर उसेद खान (4), अदनान खान (5), हिंताश सोनी (4) और विकास यदुवंशी (4) सहित दो और बच्चों की मौत हो चुकी हैं. वहीं स्वास्थ्य विभाग हर घर में जाकर बच्चों की जांच कर रहा है. अभी भी नागपुर में किडनी की समस्या से जूझ रहे 4 बच्चे अस्पताल में भर्ती है."
रिपोर्ट में नहीं आई कोई कमी स्थानीय स्तर पर हो सकती है समस्या
कलेक्टर शीलेन्द्र बताया कि हमें किसी संक्रमण या महामारी का खतरा था. इसके लिए तीन सैंपल वायरोलॉजी लैब पुणे जांच के लिए भेजे गए थे. लेकिन उनमें किसी प्रकार की समस्या नहीं पाई गई है. अगर स्थानीय स्तर पर दवाइयां या फिर किसी किसी डॉक्टर की गलती मिलती है तो जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी.