छतरपुर: करवा चौथ पर महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और शाम को चांद देखने के बाद खाना खाती हैं. सुहागिन महिलाएं चौथ माता से अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं. आमतौर पर यह व्रत महिलाएं ही रखती हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी पति होते हैं, जो इस कठिन व्रत में अपनी पत्नी का बराबरी से साथ देते हैं, वे भी उनकी तरह व्रत रखते हैं. छतरपुर में एक शख्स पिछले 18 साल से अपनी पत्नी की लंबी उम्र के लिए करवा चौथ का व्रत रख रहे हैं. इनकी चर्चा आज पूरे शहर में हो रही है.
पत्नी के लिए 18 सालों से व्रत रख रहे तुलसीदास सोनी
आप को सुनकर अजीब लगेगा, लेकिन ये हकीकत है. बुंदेलखंड के खजुराहो में रहने वाले तुलसीदास सोनी अपनी पत्नी के लिए करवा चौथ का व्रत पिछले 18 सालों से रखते चले आ रहे हैं. वह पत्नी की लंबी उम्र की कामना और दोनों में प्रेम बढ़ता रहे, खुशहाल जीवन के लिए ये रस्म निभा रहे हैं. तुलसीदास सोनी की शादी रचना सोनी से 22 अप्रैल 2008 में हुई थी. तभी से तुलसीदास ने भी कसम खाई थी, अगर तुम मेरी उम्र के लिए व्रत रखोगी तो हम तुम्हारी लंबी उम्र के लिए व्रत रखेंगे. बस तभी से तुलसीदास ये परंपरा निभा रहे हैं.
पतियों का भी कर्तव्य, अपनी पत्नी के लिए रखें व्रत
खजुराहो की बस्ती में रहने बाले तुलसीदास पेशे से पत्रकार हैं ओर फोटोग्राफर का काम भी करते हैं. तुलसीदास सोनी बखूबी जानते हैं कि अधिनिकता के दौर में महिला और पुरुष को बराबरी का दर्जा रखते हैं. वहीं तुलसीदास सोनी ने बताया कि "पत्नी का ही कर्तव्य नहीं होता की वह पति के लिए करवा चौथ का व्रत रखे बल्कि करवा चौथ का व्रत पति को भी अपनी पत्नी के लिए रखना चाहिए. ऐसा करने से प्रेम बढ़ता है. जो महिला अपने पति के लिए पूरे दिन भूखे प्यासे रहकर व्रत रख सकती है, तो पति का भी फर्ज है, साल में एक बार पत्नी की उम्र के लिए व्रत रखें.
पति-पत्नी के रिश्तों में बना रहता है प्यार और सम्मान
तुलसीदास सोनी यह भी कहते हैं ऐसा करने से आपस में मान सम्मान बढ़ता है. आजकल तलाक के केस काफी ज्यादा आ रहे हैं. अगर पति-पत्नी आपस में एक-दूसरे की इज्जत करें तो यह रिश्ता और मजबूत होगा. साल में एक दिन ही ऐसा होता है. जिसमें पति पत्नी एक दूसरे के प्रति प्यार को समर्पित करते हैं. तुलसीदास सोनी के बताते हैं मोहल्ले के लोग भले ही हंसे, लेकिन करवा चौथ का व्रत रहने से पति पत्नी में प्रेम बना रहता है." वहीं इस पर पत्नी रचना सोनी कहती हैं " पुरुषों को भी व्रत रखना चाहिए."