Friday, September 5, 2025

बांधवगढ़ में पर्यटकों को मिलेंगे पहले से ज्यादा ट्रेंड गाइड, सफारी का मजा होने जा रहा दोगुना

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उमरिया: मानसून सीजन चल रहा है और बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में इन दिनों कोर जोन में सफारी पूरी तरह से बंद है. एक तरह से ऑफ सीजन चल रहा है, अब टाइगर रिजर्व के कोर जोन में एक अक्टूबर से फिर से सफारी की शुरुआत होगी. उससे पहले बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व अपनी तैयारियों में जुटा हुआ है. उसी के तहत इन दिनों बांधवगढ़ के गाइडों को लेकर स्पेशल ट्रेनिंग चल रही है.

बांधवगढ़ के गाइड होंगे और ट्रेंड

किसी भी टाइगर रिजर्व की जान होते हैं वहां के गाइड, क्योंकि जो बाहर से पर्यटक आते हैं, उन्हें जंगल की असली सैर तो यही गाइड करवाते हैं. इन्हीं गाइडों के भरोसे कई पर्यटक जंगल सफारी का आनंद लेते हैं, ऐसे में टाइगर रिजर्व के बढ़ते पर्यटन में इनकी भी अहम भूमिका होती है. इसी को ध्यान में रखते हुए बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के जितने भी गाइड हैं और वन कर्मचारी, अधिकारी हैं, उन्हें स्पेशल ट्रेनिंग दी जा रही है. ये ट्रेनिंग 4 सितंबर से 17 सितंबर तक चलेगी, जो कि बांधवगढ़ के ताला स्थित ईको सेंटर में आयोजित की जा रही है.

कितने गाइड होंगे शामिल?

ये स्पेशल ट्रेनिंग 7 बैच में संचालित की जा रही है, जिसमें टोटल 197 गाइड शामिल होंगे, जिसमें 26 महिला और 171 पुरुष गाइड शामिल हैं. इस ट्रेनिंग का प्रमुख मकसद गाइडों को पर्यटकों के लिए मार्गदर्शक के रूप में मजबूत बनाना है. उन्हें जैव विविधता संरक्षण, वन प्रबंधन और स्थानीय समुदायों और ईको-टूरिज्म के बीच सेतू के रुप में तैयार करना भी है.

बता दें कि गाइड, पर्यटक और वन्यजीव संरक्षण संदेश के बीच एक अहम कड़ी होते हैं. इसलिए इस ट्रेनिंग के माध्यम से उनकी भूमिका और अधिक मजबूत बनाने का प्रयास किया जा रहा है.

कौन दे रहा ये ट्रेनिंग?

बांधवगढ़ के गाइडों को ये ट्रेनिंग पुणे के वन्यजीव विशेषज्ञ और महाराष्ट्र वाइल्ड लाइफ बोर्ड के सदस्य अनुज खरे, राजीव पंडित और डॉक्टर उमेश उन्नीकृष्णन देंगे.

ट्रेनिंग सेशन में क्या खास?

इस ट्रेनिंग सेशन में गाइडों को बहुत कुछ खास बातें बताई जाएंगी. वन्य जीव एवं ईको टूरिज्म की जानकारी दी जाएगी. जिससे पर्यटक को वैज्ञानिक तथ्यों और संरक्षण के महत्व से अवगत कराया जा सके. इस दौरान फील्ड विजिट भी कराया जाएगा, जिससे गाइड प्रत्यक्ष रुप से वन्य प्राणियों के व्यवहार, उनके आवास और वन प्रबंधन की बारीकियों को समझ सकेंगे.

इसके अलावा व्यक्तित्व विकास, प्रभावी संवाद, कौशल और समय प्रबंधन पर विशेष सत्र भी आयोजित किए जाएंगे. जिससे गाइडों का व्यवहार, प्रजेंटेशन पर्यटकों के साथ संवाद और बेहतर हो सके. इसके अलावा संरक्षण एवं जागरुकता से जुड़े विषयों पर भी चर्चा की जाएगी. जिससे गाइड संरक्षण संदेश को आमजन तक पहुंचाने में सक्षम हो सकें.

 

 

'टाइगर रिजर्व में गाइड हैं खास'

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के डायरेक्टर अनुपम सहाय ने बताया कि "गाइडों की ट्रेनिंग बहुत अहम है, क्योंकि गाइड ही वो पहला व्यक्ति होता है, जिनसे पर्यटक सीधा संवाद करते हैं. ट्रेंड गाइड पर्यटकों को वन्य जीवों की सटीक जानकारी तो देंगे ही, इसके अलावा प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण के महत्व से
भी जोड़ेंगे. जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा.

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में आयोजित ये ट्रेनिंग प्रोग्राम गाइडों की क्षमता निर्माण में एक मजबूत कदम साबित होगा. ये ट्रेनिंग फ्यूचर में जैव विविधता संरक्षण, पर्यावरणीय जागरुकता और सतत ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने में अहम भूमिका अदा करेगी."

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