भोपाल : राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि आमजन के साथ सहानुभूति और समानाभूति लोक सेवा का आधार है। यह कथनी और करनी में साफतौर पर दिखना चाहिए। अधिकारी जनहित, राष्ट्रहित के कार्यों का नेतृत्व व्यक्तिगत आचरण और व्यवहार से करें। जनसेवा की वास्तविक कसौटी जन विश्वास पर खरा उतरना है।
राज्यपाल पटेल राजभवन में आए 77 वें आर आर बैच के भारतीय पुलिस सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों के साथ शुक्रवार को राजभवन में चर्चा कर रहे थे। इस अवसर पर अपर सचिव उमाशंकर भार्गव भी मौजूद थे।
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि लाखों लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का माध्यम पुलिस में सेवा का अवसर है। आवश्यकता सबके साथ, विश्वास और सहयोग के साथ कार्य करने की है। उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों से कहा कि वह पुलिस व्यवस्था के भावी निर्माता है। कार्यक्षेत्र का निरन्तर भ्रमण करे। हर तीन माह मेंपूरे कार्य क्षेत्र का दौरा करते रहना चाहिए। बदलते समय और चुनौतियों के लिए नागरिक केंद्रित पुलिस व्यवस्था को और अधिक कुशल और आधुनिक बनाने के लिए प्रतिभा मेधा का उपयोग करें। अनुभवों के आधार पर नवाचारों के लिए सदैव प्रयत्नशील रहें। ऐसी कार्य संस्कृति को बढ़ावा दें, जिसमें जन मानस में पुलिस के लिए सम्मान का भाव हो। पुलिस की उपस्थिति हर वर्ग, समुदाय और नागरिक में यह विश्वास जगाए कि वह संविधान और कानून के संरक्षण में है। अधिकारी के रूप में जो विशेष शक्तियाँ और अधिकार उन्हें मिलेंगे। वह समाज के अंतिम व्यक्ति की सेवा और सुरक्षा के लिए है।राज्यपाल ने कहा कि आपके अधिकारी बनने में समाज के प्रत्येक वर्ग का प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष योगदान है। उनके प्रति कृतज्ञता और कर्तव्यों को सदैव याद रखिएगा।
राज्यपाल को मध्यप्रदेश पुलिस अकादमी भोपाल के निदेशक मोहम्मद शाहिद अबसार ने प्रशिक्षण की रुपरेखा बताई। बताया कि 29 सप्ताह का प्रशिक्षण पाठ्यक्रम 24 नवम्बर, 2025 से अकादमी में शुरू हुआ है। प्रशिक्षण अवधि में पुलिस की कार्य प्रणाली, विभिन्न इकाईयों और शाखाओं का प्रत्यक्ष अनुभव कराया जाएगा।
प्रशिक्षु अधिकारी आलोक कुमार वर्मा ने चयन उपरांत अभी तक प्राप्त प्रशिक्षण के बारे में बताया।उन्होंने कहा कि विधिक, तकनीकी, शारीरिक प्रशिक्षण ने उनके व्यक्तित्व का अभूतपूर्व और अमूल्य वर्धन किया है। आभार प्रदर्शन प्रशिक्षु अधिकारी मनोज कुमार ने किया। कार्यक्रम का संचालन उप निदेशक डा. संजय कुमार अग्रवाल ने किया।

