Wednesday, December 10, 2025

BLO की संदिग्ध मौत से सनसनी: परिजनों ने दबाव का आरोप लगाया

सागर: एसआईआर सर्वे के बढ़ते दबाव के बीच एक और बीएलओ की मौत की खबर आई है. रहली विकासखंड की प्राथमिक शाला निवारी में पदस्थ शिक्षिका लक्ष्मी जारोलिया का रविवार को इलाज के दौरान निधन हो गया. शिक्षिका लक्ष्मी जारोलिया एसआईआर सर्वे में बीएलओ के रूप में तैनात थीं. करीब 10 दिन पहले उन्हें हार्टअटैक आया था और उन्हें इलाज के लिए पहले सागर फिर भोपाल में भर्ती कराया गया. आखिरकार उन्होंने इलाज के दौरान रविवार को दम तोड़ दिया.

'मानसिक दबाव में काम कर रहीं थी मेरी मां'

रविवार को इलाज के दौरान शिक्षिका लक्ष्मी जारोलिया की मौत हो गई. उनके बेटे देवांशु जारोलिया का आरोप है कि "एसआईआर सर्वे के दौरान मेरी मां बीएलओ का काम कर रही थी. इस दौरान वो काफी मानसिक दबाव महसूस कर रही थीं. मोबाइल सही तरीके से चला ना पाने के कारण तकनीकी कार्यों में उन्हें काफी परेशानी हो रही थी.

उनके ऊपर सुबह से रात 12 बजे तक रिपोर्ट तैयार करने, फॉर्म भरने और सूचनाएं भेजने का दबाव रहता था, जबकि एप वगैरह पर वो अच्छे से काम नहीं कर पा रही थीं. उन्हें सहायक के तौर पर आशा कार्यकर्ता मिली थी, जो 8वीं पास हैं और वो भी तकनीकी कामों में उनकी मदद नहीं कर पा रही थी. इसी दबाव के चलते वो मानसिक तनाव महसूस कर रही थीं."

'30 नवंबर को बिगड़ी थी तबीयत'

देवांशु जारोलिया ने बताया कि "30 नवंबर को सर्वे के दौरान उनकी अचानक तबीयत बिगड़ी और सागर में निजी अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने हृदय संबंधी गंभीर समस्या की बात कही थी. इस दौरान हम लोगों ने प्रशासन को सूचित भी किया. तहसीलदार भी अस्पताल आए लेकिन उन्हें लगातार बीएलओ संबंधित काम के दौरान फोन आते रहे और ड्यूटी के तनाव के कारण हार्ट अटैक आया. सागर के अलावा भोपाल के निजी अस्पताल में भर्ती रहीं और उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ और इलाज के दौरान उनका निधन हो गया."

'एसआईआर सर्वे में नहीं लगी थी ड्यूटी'

मृतिका लक्ष्मी जारोलिया के परिजन के आरोप को रहली एसडीएम कुलदीप पाराशर ने सिरे से खारिज कर दिया है. उनका कहना है कि "उनकी एसआईआर सर्वे में ड्यूटी ही नहीं लगाई गई थी." जबकि मृतिका के परिजनों के पास 20 नवंबर 2025 को लक्ष्मी जारोलिया का बतौर बीएलओ ड्यूटी लगाए जाने का आदेश मौजूद है.

परिवार में एकमात्र कमाने वाली थीं लक्ष्मी

लक्ष्मी जारोलिया के पति की पहले ही मौत हो चुकी थी. वह परिवार की एकमात्र कमाने वाली सदस्य थीं. उनके वेतन से ही परिवार का भरण पोषण होता था. उनकी दो बेटियां और एक बेटा है, जिनमें से बड़ी बेटी और बेटे की शादी हो चुकी है. उनकी मौत के बाद परिवार संकट में आ गया है.

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