दमोह। दमोह जिले की दमयंती नगर में रहने वाले नायब तहसीलदार धनीराम का तीन दिन से लापता बेटा रोहित सोमवार रात अपने घर पहुंचा। उसके गले में गंभीर घाव के निशान थे, जिससे उसे इलाज के लिए तुरंत जिला अस्पताल लाया गया। जहां, प्राथमिक उपचार के बाद उसे जबलपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया है। परिजनों ने घायल रोहित के दोस्त मोनू ठाकुर पर आरोप लगाए हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है
घायल रोहित के पिता धनीराम गौड़ ने बताया कि वह अनूपपुर जिले के कोतमा में नायब तहसीलदार के पद पर पदस्थ हैं। उनकी पत्नी ने फोन पर बताया कि 19 जुलाई की रात करीब 8 बजे रोहित कार लेकर घर से घूमने निकला था। रात 12 बजे तक वह घर नहीं लौटा। फोन करने पर उसने बताया कि वह जबलपुर नाके पर है। रात 1 बजे तक उससे बात होती रही, लेकिन 2 बजे उसका फोन बंद हो गया और फिर कोई संपर्क नहीं हो पाया। 20 जुलाई की रात करीब ढाई बजे फिर बेटे से बात हुई। उसने बताया कि वह उज्जैन में है, लेकिन लोकेशन मांगे जाने पर वह राहतगढ़ के पास था। पूछने पर उसने बताया कि वह मोनू के साथ आया है और अब वापस लौट रहा है, लेकिन उस दिन वह घर नहीं पहुंचा।
पुलिस के अनुसार, सोमवार रात जब रोहित घर लौटा तो उसके गले पर चोट के गंभीर निशान थे। इसके बाद परिजनों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया। पिता ने बताया कि बेटे की गुमशुदगी की रिपोर्ट पहले ही चौकी में दर्ज करवा दी गई थी। उसे चोट कैसे लगी, इस बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं है। रोहित ने बस इतना बताया कि वह राहतगढ़ के पास खड़ा था तभी दो-तीन लोग आए और उन्होंने उस पर हमला कर दिया, जिससे उसे गंभीर चोट लगी।
कोतवाली टीआई मनीष कुमार ने बताया कि घायल युवक ने कुछ अज्ञात लोगों द्वारा हमला किए जाने की बात कही है। फिलहाल, उसे इलाज के लिए जबलपुर रेफर किया गया है और मामले की जांच जारी है। वहीं, घायल की मां ने रोहित के दोस्त मोनू ठाकुर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि मोनू आपराधिक प्रवृत्ति का युवक है, वह पहले भी किसी मामले में फरार चल रहा था। उन्हें संदेह है कि बेटे के साथ यह घटना उसी ने करवाई है। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि हमला किसने किया। टीआई का कहना है कि मोनू ठाकुर से पूछताछ की जाएगी, तभी आगे की स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।