पिपरिया। कोविड के बाद पूरी दुनिया में ऑनलाइन शिक्षा का दायरा तेजी से बढ़ा। इसी बदलाव ने कई युवाओं को शिक्षा-तकनीक (EdTech) में नए प्रयोग करने का मौका दिया। मध्यप्रदेश के पिपरिया शहर से निकलकर आयुष घुरका ने भी इसी परिवर्तन को समझा और 2022 में “Tutor-ology (ट्यूटर-ओलॉजी)” नामक एक ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म की शुरुआत की, जो आज अमेरिका, यूके, यूएई, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर जैसे देशों के छात्रों को भारतीय शिक्षकों से लाइव, एक-से-एक ऑनलाइन सत्र उपलब्ध करवा रहा है।
इंजीनियरिंग छात्र से शिक्षा-तकनीक उद्यमी तक का सफर
आयुष ने अपनी पढ़ाई एसजीएसआईटीएस इंदौर से इंजीनियरिंग में की। पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने महसूस किया कि कई बच्चों को विषयों की मूलभूत समझ में सहायता की आवश्यकता है। यहीं से उन्होंने पढ़ाने की शुरुआत की—पहले ऑफलाइन ट्यूशन, फिर ऑनलाइन सत्र और शैक्षणिक वीडियो। उनके यूट्यूब पर अपलोड किए गए निःशुल्क गणितीय वीडियो हजारों छात्रों तक पहुँचे और यह अनुभव आगे चलकर ट्यूटर-ओलॉजी की नींव बना।
विदेशी अभिभावकों में भारतीय शिक्षकों की बढ़ती माँग


वैश्विक स्तर पर भारतीय शिक्षकों की प्रतिष्ठा लगातार बढ़ी है। कारण स्पष्ट हैं:
* विषय की गहराई पर फोकस
* कंसेप्ट को सरल भाषा में समझाने की क्षमता
* धैर्यपूर्ण और सुधारमुखी दृष्टिकोण
* तार्किक और चरणबद्ध शिक्षण
* व्यक्तिगत ध्यान
इन्हीं खूबियों की वजह से कई देशों में माता-पिता अपने बच्चों के लिए भारतीय शिक्षकों को पसंद करते हैं। ट्यूटर-ओलॉजी इस आवश्यकता को संरचित तरीके से पूरा करने का प्रयास है, जहाँ छात्र अपनी सीखने की गति के अनुसार सत्र ले सकते हैं।
ऑनलाइन शिक्षा में संरचित 1-on-1 मॉडल की बढ़ती प्रासंगिकता
कोविड के बाद ऑनलाइन ट्यूटोरिंग की वैश्विक डिमांड में वृद्धि हुई है। कई शोधों में पाया गया है कि व्यक्तिगत सत्र (1-on-1) सीखने की क्षमता और समझ बढ़ाने में प्रभावी साबित होते हैं। ट्यूटर-ओलॉजी का मॉडल इसी आवश्यकतानुसार तैयार किया गया—जहाँ छात्र लाइव इंटरैक्शन, स्क्रीन-शेयरिंग और डिजिटल टूल्स की मदद से पढ़ाई करते हैं।
शिक्षकों को रोज़गार और स्थिरता देने वाली पहल

आज इस प्लेटफ़ॉर्म से
* 40+ भारतीय शिक्षक
* 13 सदस्यीय संचालन टीम
* 1,000+ अंतरराष्ट्रीय छात्र
जुड़े हुए हैं। अधिकांश शिक्षक घर से पढ़ाते हैं, जिससे उन्हें काम-जीवन संतुलन, स्थायी आय और आत्मनिर्भरता मिलती है।
दिलचस्प बात यह है कि इस पहल में कई छोटे शहरों और कस्बों के शिक्षक शामिल हैं, जो अब वैश्विक छात्रों से सीधे जुड़ पा रहे हैं।
बिना निवेश के शुरू हुआ बूटस्ट्रैप्ड स्टार्टअप
ट्यूटर-ओलॉजी पूरी तरह बूटस्ट्रैप्ड है न कोई निवेशक, न कोई फंडिंग। सीमित संसाधनों और स्थानीय टीम के साथ शुरू हुई यह यात्रा आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छात्रों को भारतीय शिक्षण शैली से जोड़ रही है।
आयुष का कहना है,
“मेरे लिए यह मंच एक सीखने-सिखाने की संस्कृति बनाने का प्रयास है, जहाँ शिक्षक और छात्र दोनों अपनी गति से आगे बढ़ सकें।”
युवाओं को मार्गदर्शन देने में सक्रिय भूमिका
आयुष को अक्सर एसजीएसआईटीएस इंदौर और कई अन्य संस्थानों में छात्रों को कैरियर मार्गदर्शन, स्टार्टअप अनुभव, और ऑनलाइन शिक्षा की बदलती ज़रूरतों के विषय पर बोलने के लिए आमंत्रित किया जाता है। इससे उन्हें जमीनी चुनौतियों और युवाओं की वास्तविक आवश्यकताओं को समझने का अवसर मिलता है।

पिपरिया से वैश्विक मंच तक — नई दिशा में बढ़ता कदम
आयुष घुरका की कहानी यह दर्शाती है कि आज छोटे शहरों के युवा भी वैश्विक शिक्षा पारिस्थितिकी तंत्र में गंभीर योगदान दे रहे हैं।
यह यात्रा सिर्फ एक स्टार्टअप की सफलता नहीं, बल्कि इस बात का प्रमाण है कि “ज्ञान और सोच, किसी शहर की सीमा से बंधे नहीं होते।” पिपरिया से शुरू हुआ यह प्रयास अब दुनिया के कई देशों में छात्रों को भारतीय शिक्षण परंपरा की गहराई और सरलता से जोड़ रहा है।
About Tutor-ology (संदर्भ के लिए)
ट्यूटर-ओलॉजी एक ऑनलाइन शिक्षा प्लेटफ़ॉर्म है जो K-12 और अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए लाइव 1-on-1 पाठ्यक्रम, लैंग्वेज कक्षाएँ और कौशल-आधारित गतिविधियाँ उपलब्ध कराता है।
प्लेटफ़ॉर्म पर प्रमाणित भारतीय शिक्षक वैश्विक छात्रों को विभिन्न विषयों में व्यक्तिगत सत्र के माध्यम से मार्गदर्शन करते हैं।
वेबसाइट: https://www.tutor-ology.com

