भोपाल
मध्य प्रदेश में 28 जुलाई से विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हो रहा है। इस सत्र के लिए प्रदेश सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी हैं।सदन में अपने विधायकों और मुद्दों की मॉनिटरिंग के लिए हर समय कम से कम तीन मंत्री हर समय मौजूद रहेंगे। विपक्ष के सवालों का जवाब देने के लिए बाकी मंत्रियों के साथ रोस्टर वाले तीन मंत्री को हर दिन अनिवार्य रूप से मौजूद रहना होगा।
मानसून सत्र के लिए सरकार की तैयारी तेज
28 जुलाई से शुरू होने वाले विधानसभा के मानसून सत्र में विपक्ष के आरोपों का जवाब देने के लिए सरकार ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। गुरुवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिवों के साथ बैठक की। इस दौरान CM मोहन यादव ने कहा कि विपक्ष के सवालों का जवाब देते समय अधिकारी आखिरी क्षणों में अपने विभागीय मंत्रियों को स्लिप भेजते हैं, जिससे सरकार का पक्ष प्रभावी ढंग से नहीं रखा जा पाता इसलिए पहले से ही पूरी ब्रीफिंग की जाए और उपलब्धियों की जानकारी दी जाए। सरकार के कई बड़े कार्य हैं, जिन्हें सदन में सामने रखा जा सकता है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने दिए निर्देश
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने निर्देश दिए कि सदन में हर समय कम से कम तीन मंत्री मौजूद रहेंगे, जिनका रोस्टर तैयार कर लिया गया है। ये मंत्री न केवल सदन में BJP विधायकों की उपस्थिति सुनिश्चित करेंगे, बल्कि यह भी देखेंगे कि सवालों के जवाब के दौरान कोई विधायक अनुपस्थित तो नहीं है। इन तीन मंत्रियों के अलावा अन्य मंत्री भी मौजूद रहेंगे, लेकिन रोस्टर वाले तीन मंत्री हर दिन अनिवार्य रूप से उपस्थित होंगे।
मध्य प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र
मध्य प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र 28 जुलाई से शुरू होने वाला है, जो 8 अगस्त तक चलेगा। इस 12 दिन के सत्र में कुल 10 बैठकें होंगी। 2 अगस्त (शनिवार) और 3 अगस्त (रविवार) को अवकाश रहेगा. इस सत्र में सरकार द्वारा लाए गए विधेयकों पर गहन चर्चा होगी और पक्ष-विपक्ष मिलकर राज्य के महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे।बता दें कि विधानसभा के मानसून सत्र में मोहन सरकार द्वारा अनुपूरक बजट भी पेश किया जाएगा। सरकार ने तय किया है कि बजट में केवल जनहित से जुड़ी योजनाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।