Saturday, July 5, 2025

LIC भर्ती मामला: हाईकोर्ट ने सुनाया नियुक्तियों को लेकर बड़ा फैसला

- Advertisement -

इंदौर: एलआईसी में भर्ती मामले पर हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने नौकरी के लिए बायोमेट्रिक्स की अनिवार्यता और इसमें कोई गड़बड़ी होने पर व्यक्ति को नौकरी न देने को गलत बताया है। कोर्ट ने टिप्पणी की, अगर मशीन किसी को नहीं पहचानती तो उसकी पहचान खत्म नहीं होती। हाईकोर्ट के जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की डिवीजन बेंच ने साफ कहा, मशीन द्वारा उसे न पहचान पाने के कारण किसी व्यक्ति के कानूनी और मौलिक अधिकारों को सीमित या दरकिनार नहीं किया जा सकता, चाहे कारण कुछ भी हो।

विनोद कुमार मीना और रचना इरवार ने कोर्ट में याचिका दायर की है। आरोप है कि एलआईसी ने विज्ञापन जारी कर भर्ती की घोषणा की थी। शर्त यह थी कि टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज कंपनी बायोमेट्रिक्स के जरिए अभ्यर्थियों का भौतिक सत्यापन करेगी। दोनों याचिकाकर्ताओं ने भर्ती परीक्षा में फिंगर प्रिंट के जरिए बायोमेट्रिक सत्यापन कराया था। परीक्षा के बाद मशीन ने बायोमेट्रिक सत्यापन नहीं लिया। फिर भी उन्हें शॉर्टलिस्ट कर लिया गया। लेकिन जब दस्तावेज सत्यापन के लिए पहुंचे तो वहां सत्यापन नहीं हो सका।

प्रक्रिया में खामी है, अधिकार नहीं छीने जा सकते

कोर्ट ने आदेश में साफ कहा, बायोमेट्रिक्स के जरिए सत्यापन महज एक प्रक्रिया है। कोर्ट ने टिप्पणी की, जब मशीन से किसी व्यक्ति की पहचान नहीं होती है, तो उसकी पहचान नहीं जाती है। ऐसी स्थिति में उसके पास मौजूद पहचान के दस्तावेजों जैसे आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड व अन्य दस्तावेजों से उसके दावे का सत्यापन किया जा सकता था। ऐसा न करना गलत है। कोर्ट ने एलआईसी को दोनों याचिकाकर्ताओं को नियुक्ति पत्र जारी करने का आदेश भी जारी किया।

Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.

Latest news

Related news