भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (CM Mohan Yadav) की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक (Cabinet Meeting) में किसानों, बच्चों, स्वास्थ्य सेवाओं (Farmers, Children, Health Services) और वैज्ञानिक शोध जैसे कई क्षेत्रों को लेकर बड़े फैसले लिए गए। बैठक के सभी निर्णय लोगों के जीवन से सीधे जुड़े हुए हैं और आने वाले समय में इनके व्यापक प्रभाव देखने की उम्मीद है। बैठक में प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना में संशोधन को मंजूरी दी गई। अब किसान अपने अस्थायी बिजली कनेक्शन की क्षमता से एक स्टेप अधिक क्षमता वाला सोलर पंप लगवा सकेंगे। यानी 3 एचपी बिजली कनेक्शन वाले किसानों को 5 एचपी सोलर पंप और 5 एचपी बिजली कनेक्शन वालों को 7.5 एचपी सोलर पंप का विकल्प दिया जाएगा। योजना के तहत किसानों को सोलर पंप पर 90% सब्सिडी मिलेगी, जबकि किसान को सिर्फ 10% राशि देनी होगी। इससे सिंचाई के लिए बिजली पर निर्भरता घटेगी और किसानों को स्थायी ऊर्जा का फायदा मिलेगा। सोलर पंप लगने से सरकार पर बिजली सब्सिडी का भार भी कम होगा और वितरण कंपनियों की हानियां घटेंगी।
मिशन वात्सल्य योजना के तहत गैर-संस्थागत सेवा योजना को अगले 5 वर्षों तक जारी रखने की सहमति दी गई। इस योजना में उन बच्चों को मदद मिलेगी जिनकी देखभाल माता-पिता किसी कारणवश नहीं कर पा रहे हैं। पात्र बच्चों को हर महीने 4,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। 18 वर्ष के बाद संस्थानों से बाहर होने वाले बच्चों को आफ्टर केयर के माध्यम से रोजगार प्रशिक्षण से जोड़ा जाएगा ताकि वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकें। इस योजना से पूरे प्रदेश में 33,346 बच्चों को सीधा लाभ होगा। इसके लिए कुल 1,022 करोड़ रुपये से अधिक राशि खर्च होगी। केंद्र और राज्य दोनों इसका भार उठाएंगे।
प्रदेश के 12 जिलों भोपाल, इन्दौर, नरसिंहपुर, मण्डलेश्वर (खरगौन), बालाघाट, गुना, भिण्ड, सीहोर, अमरकंटक (अनूपपुर), पन्ना, श्योपुर एवं शुजालपुर (शाजापुर) में 50 बिस्तरीय आयुष चिकित्सलयों एवं बड़वानी जिले में 30 बिस्तरीय चिकित्सालय खोला जाएगा। इसके संचालन के लिए 373 पद एवं 806 मानव संसाधन सेवाएं ऑन कॉल की स्वीकृति प्रदान की गई है। स्वीकृत नवीन पदों में प्रथम श्रेणी के 52 पद, द्वितीय श्रेणी के 91 और तृतीय श्रेणी के 230 पद शामिल है। नियमित पदों पर वार्षिक वित्तीय भार 25 करोड़ 57 लाख रूपये आयेगा। इसके साथ ही स्वीकृत मानव संसाधन सेवाओं मे द्वितीय श्रेणी के 91, तृतीय श्रेणी के 117 और चतुर्थ श्रेणी के 598 पद शामिल है। मानव सेवाओं का प्रबंधन भारत सरकार के राष्ट्रीय आयुष मिशन से किया जायेगा।
कैबिनेट ने मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद में भर्ती के सेवा नियमों को मंजूरी दे दी। साथ ही विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा 11 मई, 2015 द्वारा मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद में नवीन पदों की भर्ती पर लगाई गई रोक हटाये जाने का निर्णय लिया गया है। इससे वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए योग्य विशेषज्ञों की नियुक्ति संभव होगी और शोध तथा नवाचार को बढ़ावा मिलेगा। परिषद अब प्रदेश में विज्ञान व तकनीक क्षेत्र की मुख्य नोडल एजेंसी की भूमिका और प्रभावी ढंग से निभा सकेगी।
मेडिको लीगल संस्थान के अधिकारियों को 1 जनवरी 2016 से सातवें वेतनमान का वास्तविक लाभ देने का फैसला लिया गया। इससे कर्मचारियों में लंबे समय से चल रही वेतन विसंगति दूर होगी। शासन के समस्त विभागों में पुनरीक्षित वेतनमान (सातवां वेतनमान) का वास्तविक लाभ 1 जनवरी 2016 से प्रदान किया गया है। उसी अनुक्रम में मेडिको लीगल संस्थान के अधिकारियों को भी लाभ दिए जाने का निर्णय लिया गया है। लाभ दिये जाने पर एरियर राशि का अनुमानित वित्तीय भार 93 लाख रुपये आएगा।
प्रदेश में क्रियान्वित सोशल इम्पैक्ट बॉन्ड योजना में संशोधन किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गयी है। आयुक्त, संस्थागत वित्त को राज्य स्तरीय स्टीयरिंग समिति का सदस्य सचिव बनाया गया है। इस योजना के लिए 100 करोड़ रुपये का बजट, पहले जहां सामाजिक न्याय विभाग में रखा गया था, अब उसे वित्त विभाग आयुक्त संस्थागत वित्त में स्थानांतरित कर दिया गया है। तकनीकी एजेंसी के चयन का अधिकार अब परियोजना क्रियान्वयन विभाग को दिया गया है। योजना को आगे बढ़ाने और लागू करने की मुख्य जिम्मेदारी अब वित्त विभाग की होगी।

