डॉक्टरों को फिर से कार्रवाई की चेतावनी, बॉण्ड की राशि जमा वसूलने की तैयारी
भोपाल। मेडिकल का कोर्स कर बॉण्ड के अनुसार दूरस्थ क्षेत्रों में नियुक्त हुए लगभग 40 फीसदी बॉण्डेड डॉक्टर अभी तक ड्यूटी पर नहीं आए हैं। इससे ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों में कागजों में डॉक्टर का पद भरने के बावजूद मरीजों को उसका लाभ नहीं मिल रहा है। मध्यप्रदेश स्वास्थ्य विभाग ने 30 अगस्त तक ज्वाइन करने के लिए अंतिम मौका दिया था। इसके बावजूद डॉक्टर नदारद हैं। कुछ ज्वाइन करके भी किसी इमरजेंसी का बहाना बनाकर गायब हो गए हैं। अब विभाग ने अस्पताल जॉइन नहीं करने वाले डॉक्टरों को फिर से कार्रवाई की चेतावनी दे दी है। इतना ही नहीं स्वास्थ्य विभाग ने इन सभी डॉक्टरों से बॉण्ड की राशि जमा कराने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए जल्द विधिक कार्रवाई शुरू की जाएगी। ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में नियुक्त किए गए ज्यादात्तर डॉक्टरों ने जॉइन करने पर कुछ डॉक्टरों ने जॉइन नहीं किया था। बाद में नोटिस जारी लेकिन वे अस्पतालों में ज्यादा दिन टिके नहीं और अवकाश पर चले गए। इसके बाद जुलाई के आखिरी सप्ताह में स्वास्थ्य आयुक्त ने आदेश निकलकर सभी बंधपत्र चिकित्सकों को विभाग द्वारा आवंटित पदस्थापना स्थल पर कार्यग्रहण करने के लिए अंतिम अवसर प्रदान करते हुए 30 अगस्त तक बंधपत्र सेवाएं पुनः शुरू करने की अनुमति दी। लेकिन यह समय सीमा भी गुजर गई लेकिन डॉक्टर नहीं आए।
अनिवार्य बंधपत्र सेवा के तहत एमबीबीएस वाले 1977 और पीजी पूरी करने वाले 876 कुल 2853 डॉक्टरों की पदस्थापना के आदेश जारी किए थे। जून 2025 के आखिरी सप्ताह में उन्हें 15 दिन में ज्वाइन करने का आदेश दिया गया, लेकिन केवल 10 प्रतिशत उन्हीं डॉक्टरों ने ज्वाइन किया था जिन्हें जिला अस्पताल या शहरों से लगे हुए अस्पतालों में नियुक्ति मिली थी।
अभी 4 हजार से अधिक डॉक्टरों के पद खाली
प्रदेश के सरकारी अस्पताल अभी डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने चिकित्सा विशेषज्ञों के कुल 4167 पद स्वीकृत किए किए हैं। हैं। इनमें से 2563 पद खाली हैं। वहीं मेडिकल ऑफिसर के 5439 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 1424 खाली हैं। दंत शल्य चिकित्सकों के 639 स्वीकृत पदों में से 392 खाली हैं।

