Friday, September 5, 2025

नर्मदापुरम में खाद का काला कारोबार, यूरिया और डीएपी जब्त कर दुकान सील

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नर्मदापुरम: प्रदेश में लगातार किसानों को यूरिया और डीएपी के लिए परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है. खास बात ये कि किसानों को पर्याप्त मात्रा में समय पर खाद नहीं मिल पा रही है. ऐसे ही नर्मदापुरम के धनावड़ गांव से एक मामला सामने आया जहां एक व्यापारी ने अवैध रूप से यूरिया एवं डीएपी बेचने के लिए स्टॉक कर रखा था. कई किसानो को महंगे दामों में खाद बेच रहा था. किसानों की सूचना पर एसडीम नीता कोरी के निर्देश पर तहसीलदार ने छापामार कार्रवाई की.

अवैध रूप से खाद बेच रहे दुकानदार के यहां छापा

नर्मदापुरम के ग्राम धनावड़ में एक दुकानदार अवैध रूप से महंगे दामों पर यूरिया और डीएपी बेच रहा था. किसानों की शिकायत के बाद जिला प्रशासन की टीम में शामिल तहसीलदार, पटवारी और प्रशासनिक आमले ने मौके पर पहुंचकर छानबीन की. यहां दुकानदार के स्टॉक में करीब 170 बोरियां यूरिया और डीएपी पाई गई जो कि अवैध रूप से बेची जा रही थी. जिसका ना तो कोई बिल था ना ही कोई पत्र. इस पर कारवाई करते हुए पंचनामा बनाकर दुकान को सील कर दिया गया.

एसडीएम के निर्देश पर हुई कार्रवाई

तहसीलदार दिव्यांशु नामदेव ने बताया कि "धनावड़ गांव में अवैध रूप से यूरिया और डीएपी विक्रय करने की सूचना प्राप्त हुई थी. इसके बाद एसडीएम के निर्देश पर कार्रवाई की गई है. मौके पर पाया गया कि किसानों को यूरिया और डीएपी वितरित की जा रही थी. जब जांच पड़ताल की गई तो बिल प्रस्तुत करने के लिए कहा गया. यूरिया और डीएपी का स्टॉक परचेस किया है उसके बिल भी नहीं मिले हैं. मौके पर एक बोरी पर जो 266 रुपए का ऊपर रेट लिखा हुआ है जब यहां किसानों से पूछा गया तो उन्होंने 300 रुपए रेट के हिसाब से लेना बताया गया."

पंचनामा बनाकर दुकान सील की

तहसीलदार दिव्यांशु नामदेव ने बताया कि "जब कार्रवाई करने के दौरान दुकान संचालक से खाद बेचने के लाइसेंस के बारे में जानकारी मांगी गई तो इनके पास कोई ना तो लाइसेंस मिला और ना ही कोई इस संबंध में पत्र पेश किया गया. इसके बाद वैधानिक रूप से कार्रवाई करते हुए जांच की जा रही है. मौके पर जो यहां वितरण कर रहे थे वह भी उपस्थित थे. ग्रामीणों के सामने ही मौके पर पंचनामा बनाया गया और दुकान को सील कर दिया गया है. मौके पर करीबन 78 बोरी यूरिया और 90 बोरी डीएपी पाई गई है."

'5 से 7 किसानों की खाद'

दुकान संचालक ने बताया कि "280 की बोरी 300 के हिसाब से किसान को दी गई थीं. मेरे पास 53 एकड़ जमीन है. सिकमी पर काम करता हूं. यूरिया और डीएपी मिलता मिलता नहीं है. 1300 की बोरी 2000 रुपए में मिलती है. ऐसे में एक महीने पहले यह स्टॉक किया गया था. एनपीए नहीं मिल रहा है ऐसी कोई जानकारी नहीं है. यह स्टॉक 5 से 7 किसानों का ही है. जिन्होंने मिलकर यहां पर यह स्टॉक रखा हुआ था. एसडीएम के सामने बिल प्रस्तुत कर दिए जाएंगे."

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