Madhubani Bridge collapsed: देश में लोगों को बारिश का इंतजार था लेकिन जैसे ही मानसून ने दस्तक दी है, सरकारी लापरवाहियां जगह जगह से रिसती हुई दिखाई दे रही है. पहील बारिश ने ही निर्माणों की गुणवत्ता की पोल खोल कर रख दी है. ताजा मामला बिहार के मधुबनी में नजर आया है. यहां झंझारपुर में भूतही नदी पर वर्षो से बन रहे एक निर्माणाधीन पुल का बड़ा हिस्सा पानी के तेज बहाव में बह गया. बिहार में पिछले 11 दिनों में पुल गिरने और बहने की ये पांचवीं घटना है.
Madhubani Bridge collapsed : तेजस्वी ने कहा बूझे तो जाने
इससे पहले अररिया, किशनगंज, पूर्वी चंपारण और सीवान में पुल के हिस्से या तो गिर चुके है या बह गये हैं. इस घटना पर बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने सरकार निशाना साधते हुए सोशल मीडिया पर ट्वीट लिखा है.
𝟗 दिन के अंदर बिहार में यह 𝟓वाँ पुल गिरा है।
मधुबनी-सुपौल के बीच भूतही नदी पर वर्षों से निर्माणाधीन पुल गिरा। क्या आपको पता लगा? नहीं तो, क्यों? बूझो तो जाने? #Bihar #Bridge pic.twitter.com/IirnmOzRSo
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) June 28, 2024
“मधुबनी-सुपौल के बीच भूतही नदी पर वर्षों से निर्माणाधीन पुल गिरा। क्या आपको पता लगा? नहीं तो, क्यों? बूझो तो जाने?”
दरअसल शुक्रवार की शाम को मधुबनी के भूतही बलान नदी में कई वर्षो से बन ऱहे निर्माणधीन पुल का एक पिलर गिर गया. यहां 25 मीटर लंबाई में बीम एवं लोहे का बना स्ट्रक्चर अचानक बरसात की तेज घार में धराशायी हो गया. लोग पुल की निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठा रहे हैं . पुल के निर्माण के लिए 2.98 करोड़ का बजट है.
18 जून के अररिया के सिकटी मं गिरा था पहला पुल
आपको बता दें कि बिहार में पुलों के गिरने का सिलसिला इसी महीने के 18 जून से शुरू हुआ . सबसे पहले 18 जून को अररिया जिले में बकरा नदी पर बना हुआ पुल उद्घाटन से पहले ही भरभराकर कर गिर गया. दूसरा हादसा 22 जून को सीवान के महाराजगंज में हा जहां गंडक नहर पर बना पुल धंस गया. इसके बाद पूर्वी चंपारण के अमवा में भी निर्माणाधीन पुल गिरा. दो दिन पहले गुरुवार को किशनगंज के मरिया नदी पर 13 साल पुराना पानी के तेज बहाव मे बह गया.