उत्तर प्रदेश की राजधानी में होटल अग्निकांड मामले के बाद अब बड़ी खबर सामने आ रही है. मिली जानकारी के मुताबिक अवैध रूप से बने होटल लेवाना अब गिराया जाएगा. फिलहाल अवैध रूप से बने होटल लेवाना की सीलिंग और ध्वस्तीकरण की कार्यवाही करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं . होटल के ध्वस्तीकरण के आदेश लखनऊ कमिश्नर डॉ रोशन जैकब की ओर से दिए गए हैं.
जिस तरह से होटल में आग लगी. उसे देखते हुए फायर विभाग की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल उठाए गए हैं. कमिश्नर का कहना है कि फायर एस्केप प्रणाली और लोहे की ग्रिल के बावजूद कैसे दी गई फायर NOC. होटल की तरफ से 2021 से 2024 तक का फायर एनओसी रिन्यूअल प्रस्तुत की गई . फायर विभाग की कार्यप्रणाली पर लखनऊ कमिश्नर के ओर भी कई गंभीर सवाल उठाये हैं .
जिसके तहत कार्रवाई करते हुए फायर विभाग की कार्यप्रणाली की जांच के आदेश भी दिए गए हैं. वहीँ जब होटल मालिक से होटल के नक्शा प्रस्तुत करने के लिए कहा गया। तो पता चला कि होटल लेवाना ने लखनऊ विकास प्राधिकरण से बिना नक्शा पास कराये ही होटल का निर्माण करा लिया था। इन्ही बातों के मद्देनज़र अब होटल को गिराने के निर्देश दिए गए हैं। ऐसे में एक्शन सिर्फ होटल पर ही नहीं बल्कि होटल का बिना नक्शा पास कराये होटल के संचालन के लिए दोषी अफसरों पर भी सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं .
मिली जानकारी के मुताबिक एलडीए लखनऊ विकास प्राधिकरण की तरफ से 26 मई 2022 को लेवाना होटल को नोटिस जारी किया गया था .
इसके बावजूद होटल लेवाना की तरफ से कोई जवाब नहीं आया . जिसके बाद 28 अगस्त को फिर नोटिस जारी किया गया. इस मामले को देखते हुए अब प्रशासन के निशाने पर लखनऊ के दूसरे होटल भी है। जो इसी तरह बिना नक्शा पास कराये बनाये गए। उनपर भी बहुत जल्द एक्शन हो सकता है. कमिश्नर ने एक्शन लेते हुए कहा है कि अभी तक जिस जिस होटल ने प्रशासन के नोटिस का जवाब नहीं दिया उन सब पर एक्शन लेते हुए उनके होटल तुरंत सील किये जाए.
एक्शन लेने के लिए लेवाना होटल को ध्वस्त करने के लिए बुलडोज़र पहुँच चूका है . लेकिन फ़िलहाल ध्वस्ति कारन की कार्रवाई पर रोक लगाते हुए होटल को सील करने के आदेश दिए गए हैं.
जानकारी के लिए बता दें कि लेवाना होटल अग्निकांड में 4 लोगों की जान चली गई है. 30 कमरों वाले इस होटल में घटना के वक्त 18 कमरों में 35 लोग मौजूद थे. सोमवार सुबह करीब 7 बजे होटल में आग लगी थी. आग होटल की किचन से लगने की बात सामने आई है. होटल में इस तरह की आग और रेस्क्यू ऑपरेशन में देरी को गंभीरता से लेते हुए यूपी सरकार ने उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं. जांच कमेटी में प्रमुख सचिव गृह, प्रमुख सचिव चिकित्सा और अन्य सीनियर अफसरों को शामिल किया गया है. होटल से रेस्क्यू किए गए घायलों को लखनऊ सिविल अस्पताल में ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है. डॉक्टरों का कहना है कि धुआं उनके फेफड़ों तक पहुंच गया है. वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद सिविल अस्पताल पहुंचकर घायलों से मिले थे.