Sunday, September 8, 2024

Lord Jagannath Rath Yatra पर बन रहे हैं दुर्लभ संयोग, जाानिये भक्तों के लिए क्यों है ये दिन खास..

Lord Jagannath Rath Yatra : उडीसा के पुरी शहर में 7 जुलाई यानी रविवार को हर साल की तरह इस साल भी भगवान जगन्नाथजी की रथ यात्रा की पूरी तैयारी कर ली गई हैं.शहर को खूबसूरती से सजाया गया गया है. भगवान जगन्नाथ बलभद्र और सुभद्रा की ये रथ यात्रा साल आषाढ मास की द्वितीया तिथि को निकाली जाती है. मान्यता है कि भगवान जगन्नाथ 15 दिन तक बीमार रहने के बाद जब स्वस्थ होते हैं, तब वो अपने भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ अपनी मौसी के घर जाते घूमने जाते हैं.

Lord Jagannath Rath Yatra तीन रथ पर निकलती है भगवान की यात्रा 

भगवान जगन्नाथ अपने खास रथ पर सवार होकर मौसी के घर पहुंचते है.यात्रा में तीन रथ निकाले जाते हैं. इनमें सबसे आगे भगवान जगन्नाथ के बड़े भाई बलरामजी का रथ होता है, बीच में बहन सुभद्रा और सबसे पीछे जगन्नाथ प्रभु का रथ चलता है.

क्या है यात्रा के पीछे की कहानी ?

पद्म पुराण में कहा गया है कि एक बार भगवान जगन्नाथ की बहन सुभद्रा ने नगर देखने की इच्छा जाहिर की थी, तब भगवान जगन्नाथ जी और बलभद्र जी ने अपनी बहन सुभद्रा को रथ पर बैठाकर नगर दिखाने निकले थे. इसी दौरान तीनों भाई बहन अपनी मौसी के घर गुंडिचा पहुंच गये और वहां वे लो सात दिन तक ठहरे. तभी से उडीसा के पुरी में रथयात्रा निकालने की परंपरा की शुरुआत हुई. पुरी शहर में भगवान जन्नानाथ के मंदिर से ये यात्रा इसी मान्यता के साथ हर साल धूमधाम ये निकाली जाती है.इस यात्रा में लाखों लोग हिस्सा लेते हैं और अपने हाथों से सड़कों की सफाई करते हैं. सबसे आगे सोने की झाडू से रास्ते की सफाई करके रथ के निकलने के लिए रास्ता बनाया जाता है. फिर लोग रथ की रस्सी को अपने हाथों से खींच कर पूरी यात्रा में ले जाते हैं .

7 जुलाई को रथ यात्रा के दौरान बन रहे हैं दुर्लभ संयोग

इस बार 7 जुलाई यानी रविवार को हो रही रथ के दिन पांच शुभ योग बन रहे हैं. कह जा रहा है कि ये संयोग बेहद दुर्लभ हैं. ज्योतिषी कह रहे हैं कि इस बार द्वितीया तिथि की शुरुआत 7 जुलाई को 3 बजकर 44  मिनट से शुरु होगी जो अगले दिन यानी 8 जुलाई को सुबह 4 बजकर 14 बजे मिनट तक रहेगी. पूरे दिन तिथि द्वितीया तिथि  होने के कारण श्रद्धालु दिनभर पूजा पाठ कर सकेंगे.

आषाढ मास की द्वितीया तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि योग  

आषाढ मास की द्वितीया तिथि यानी रविवार 7 जुलाई को सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है , जगन्नाथ यात्रा इसी योग को दौरान निकाली जायेगी. मान्यता है कि इस योग में भक्त सच्चे हृदय से भगवान से जो भी प्रार्थना करते हैं,वो पूरे होते हैं.

शिववास का संयोग 

जगन्नाथ यात्रा को दौरान शिववास का भी दुर्लभ संयोग बन रहा है, मान्यता है कि देवों के देव महदेव अपनी अर्घांगिनी जगत जननी मां पार्वती के साथ इस योग  के रहेंगे.

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