Monday, February 24, 2025

First Phase का प्रचार खत्म, पश्चिमी यूपी की 8 सीटों पर 19 अप्रैल को होगा मतदान

First Phase : Lok Sabha Election 2024 के समर में उत्तर प्रदेश उन राज्यों में हैं जहां पूरा सात चरणों में मतदान होगा. बुधवार शाम पहले चरण की आठों लोकसभा सीट पर चुनाव प्रचार थम गया. जिन सीटों पर शुक्रवार 19 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे वो हैं सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, नगीना, मुरादाबाद, रामपुर और पीलीभीत.

First Phase -वरुण गांधी की जगह जितिन प्रसाद मैदान में

मैनका गांधी और वरुण गांधी की सीट रही पीलीभीत में पहले चरण में मतदान होना है. पीलीभीत को बीजेपी का गढ़ माना जाता है. इस बार पीलीभीत सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होने की उम्मीद है. बीजेपी ने यहां तीन बार के सांसद वरुण गांधी का पत्ता काट पूर्व कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद को टिकट दिया है. वहीं समाजवादी पार्टी के भगवत शरण गंगवार पर भरोसा जताया है. जबकि बीएसपी ने अनीस अहमद खान उर्फ फूल बाबू को मैदान में उतारा है. अगर बात पीलीभीत सीट की करें तो इसे यूपी का पंजाब भी कहा जाता है. विभाजन के बाद पाकिस्तान से आये सिखों को यहां आबाद किया गया था. वरूण गांधी का टिकट कटने के चलते पीलीभीत पहले चरण की 8 सीटों में से सबसे हॉट सीट बन गई है.

बिजनौर बीएसपी ने काटा मौजूदा सांसद का टिकट

एनडीए गठबंधन के नए सहियोगी आरएलडी को राज्य में मिली दो सीटों में से एक बिजनौर है. ऐसा कहा जा रहा है कि बिजनौर में रालोद प्रमुख जयंत चौधरी की इज्जत दाव पर लगी है. मुस्लिम दलित बहुल इस सीट पर आरजेडी ने गुर्जर, बसपा ने जाट और समाजवादी पार्टी ने ओबीसी प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं.
आरएलडी ने यहां मीरापुर विधायक चंदन चौहान को मैदान में उतारा है. तो बीएसपी ने अपने मौजूदा सांसद मलूक नागर का टिकट काट, जाट नेता चौधरी विजेंद्र सिंह पर दाव खेला है. वहीं एसपी ने ओबीसी उम्मीदवार यशवीर सिंह को मैदान में उतारा है.
बात अगर बिजनौर सीट पर समिकरण की करें तो यहां 4 लाख से 5 लाख के आसपास मुस्लिम वोटर हैं. जबकि तक़रीबन चार से साढे चार लाख के बीच दलित वोटर हैं. और डेढ़ से पौने दो लाख के करीब जाट वोटर हैं.

नगीना से चंद्रशेखर आज़ाद रावण मैदान में हैं.

2019 में बीएमपी की सीट रही नगीना एक सुरक्षित सीट है. इस बार यहां से दलित नेता चंद्रशेखर आज़ाद रावण अपनी सियासी जमीन की तलाश रहे है. आजाद समाज पार्टी (एएसपी) के प्रमुख चंद्र शेखर आजाद पहली बार चुनावी मैदान में है. उनके नगीना से ताल ठोकने के बाद यहां मुकाबला चतुष्कोणीय होने की संभावना है.
बीजेपी ने यहां अपने मौजूदा नहटौर के विधायक ओम कुमार को मैदान में उतारा है, वहीं एसपी ने पूर्व न्यायिक अधिकारी मनोज कुमार तो बसपा ने जाटव समुदाय से आने वाले सुरेंद्र पाल को उम्मीदवार बनाया है. बीएसपी ने यहां से अपने मौजूदा सांसद गिरीश चंद्र को बुलंदशहर स्थानांतरित कर दिया है.
बात अगर नगीना सीट के समीकरण की करें को ये मुख्य रूप से दलित और मुस्लिम सीट है. वैसे तो ये एक सुरक्षित सीट है, लेकिन यहां मुसलमानों की संख्या सबसे ज्यादा है. यहाँ मुस्लिम वोटर करीब साढ़े 7 लाख है तो दलित वोटर की संख्या लगभग साढे चार लाख.

First Phase – कैराना हिन्दू और मुसलमान गुजर बहुल इलाका है

कैराना के समर में एसपी की इकरा हसन के उतरने से मुकाबला दिलचस्प हो गया. हिन्दू और मुसलमान गुजर बहुल इस इलाके में बीजेपी ने प्रदीप चौधरी, तो बीएसपी से श्रीपाल सिंह राणा को मैदान में उतारा है.
कैराना सीट के जातीय समीकरण की बात करें तो यहाँ मुस्लिम मतदाता सबसे ज्यादा हैं. मुसलमान यहां 5.45 लाख के आसपास है. तो दलित तकरीबन ढाई लाख वहीं तकरीबन इतने ही यानी ढाई लाख के आसपास ही जाट वोटर भी हैं.

सहारनपुर से कांग्रेस के पूर्व विधायक एसपी के टिकट पर वोट लड़ रहे हैं

बात अगर सहारनपुर लोकसबा सीट के प्रत्याशियों की करें तो बीजेपी नेसहारनपुर में पूर्व सांसद राघव लखनपाल को मैदान में उतारा है तो एसपी ने कांग्रेस के पूर्व विधायक इमरान मसूद पर भरोसा जताया है वहीं बीएसपी ने यहां अपने मौजूदा सांसद हाजी फजलुर रहमान का टिकट काट माजिद अली को मैदान में उतारा है.

मुरादाबाद में आज़म खान के प्रत्याशी रुचिवीरा पर एसपी ने लगाया दाव

मुरादाबाद सीट पर समाजवादी पार्टी में खींच तान देखने को मिली थी. यहां एसपी प्रमुख अखिलेश यादव को आज़म खान की जिद्द के आगे झुकना पड़ा. मुरादाबाद में सपा के मौजूद सांसद एसटी हसन का टिकट काट रुचि वीरा को मैदान में उतारा है. वहीं भाजपा के कुंवर सर्वेश कुमार सिंह, तो बसपा के इरफान सैफी पर दाव खेला है. ऐसा कहा जा रहा है कि मुरादाबाद सीट पर इस बार मुकाबला त्रिकोणीय होगा.
मुरादाबाद उत्तर प्रदेश के महत्वपूर्ण और मशहूर शहरों में से एक है. ये शहर पीतल नगरी के नाम से मशहूर है. मुरादाबाद इंपोर्ट एक्सपोर्ट हब भी है यहां बने पीतल के सामान का निर्यात कई देशों में होता हैं.

मुजफ्फरनगर में बीजेपी ने संजीव बालियान को तीसरी बार मैदान में उतारा है

मुजफ्फरनगर बीजेपी की मजबूत सीट रही है. केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान यहां से तीसरी बार बीजेपी के प्रत्याशी है. उसके मुकाबले समाजवादी पार्टी ने हरेंद्र मलिक तो बसपा के दारा सिंह प्रजापति को टिकट दिया है.
मुस्लिम बहुल इस सीट पर 2013 दंगे के बाद से बीजेपी का कब्ज़ा है. मुजफ्फरनगर सीट पर जातिय समिकरण की बात करें को तो यहां लगभग 5 लाख मुस्लिम है, जबकि 2 लाख दलित और डेढ़ लाख जाट. इसके अलावा यहां 130000 कश्यप, 120000 सैनी, 115000 वैश्य और लगभग 480000 ठाकुर ,गुर्जर ,त्यागी ,ब्राह्मण, पाल , प्रजापत, सुनार और अन्य बिरादरियाँ है.

आज़म खान के गढ़ रामपुर में एसपी प्रत्याशी को अखिलेश की पसंद का

रामपुर रियासत और नवाबों के शहर रामपुर से वैसे तो कई बड़े हस्तियों का नाम जुड़ा जिसमें शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद से लेकर नवाब खानदान और फिर बीजेपी कि मुस्लिम चेहरे मुख्तार अब्बास नकवी और अभिनेत्री जयाप्रदा भी शामिल है. लेकिन आज से शहर एसपी नेता और फिलहाल जेल में बंद आज़म खान के नाम से पहचाना जाता है.
समाजवादी पार्टी के इस मज़बूत गढ़ में इस बार प्रत्याशी को लेकर भ्रम पैदा हो गया था.

नामांकन के आखिरी दिन आज़म खान के चहेते असीम रजा ने पार्टी का आधिकारिक उम्मीदवार होने का दावा करते हुए अपना नामांकन दाखिल किया. तो वहीं उनके बाद में दिल्ली की एक मस्जिद के इमाम मोहिबुल्ला नदवी ने भी एसपी का प्रत्याशी होने का दावा कर नामांकन भर दिया. हलांकि बाद में एसपी ने आजमखान के चहेते असीम रज़ा की बजाए इमाम मोहिबुल्ला नदवी है को समाजवादी पार्टी उम्मीदवार घोषित किया.
बात यहां से बीजेपी की करें तो उसने 2022 में रामपुर उपचुनाव जीतने वाले घनश्याम सिंह लोधी को मैदान में उतारा है, जबकि बीएसपी ने जिशान खान को टिकट दिया है.

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