मंगलवार को इंदौर Lok Sabha Election 2024 में कांग्रेस की उम्मीद एक बार फिर जाग गई है. कांग्रेस के डमी कैंडिडेट ने हाई कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है. सोमवार को कांग्रेस को बड़ा झटका देते हुए उसके इंदौर से प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने नामांकन वापस ले लिया था. मंगलवार को बम बीजेपी में भी शामिल हो गए. सोमवार के घटनाक्रम के बाद इंदौर में कांग्रेस की उम्मीद खत्म मानी जा रही थी. लेकिन अब लगता है इंदौर में फिर कांग्रेस बनाम बीजेपी मुकाबला देखने को मिल सकता है.
Lok Sabha Election 2024, कांग्रेस के डमी उम्मीदवार मोत सिंह पटेल पहुंचे हाई कोर्ट
इंदौर से कांग्रेस के डमी उम्मीदवार मोत सिंह पटेल ने हाई कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है. मोत सिंह पटेल की याचिका पर आज यानी 30 अप्रैल को सुनवाई भी होगी. मोती सिंह पटेल ने हाई कोर्ट से कहा है कि वो चुनाव आयोग को उन्हें कांग्रेस का चुनाव चिन्ह देने का आदेश दें.
मोती सिंह की दलील है कि अक्षय कांति बम के नामांकन वापसी के बाद कांग्रेस पार्टी ने उन्हें अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया जाए, इसलिए कांग्रेस का चुनाव चिन्ह मिलना उनका अधिकार है.
मोत सिंह पटेल का पर्चा हो गया है खारिज
असल में इस कहानी में एक पेंच नहीं है. कांग्रेस ने इंदौर अपने बी फॉर्म में दो उम्मीदवारों के नाम दर्ज कराए थे. जिसमें से सोमवार को अक्षय कांति बम का नाम अनुमोदित उम्मीदवार के तौर पर दर्ज था तो मोती सिंह का डमी प्रत्याशी के तौर पर.
लेकिन जिला निर्वाचन अधिकारी ने मोती सिंह के फॉर्म पर 10 प्रस्तावकों की जगह केवल एक व्यक्ति का नाम होने का हवाला देते हुए उनका पर्चा खारिज कर दिया था. लेकिन अब जब अक्षय कांति बम ने बतौर अनुमोदित उम्मीदवार अपना नामांकन वापस ले लिया है तो बी फॉर्म के आधार पर मोती सिंह को अधिकृत प्रत्याशी बनाया जाना चाहिए.
ऐसा होने पर मोती सिंह का पर्चा खारिज नहीं किया जा सकता क्यों कि पार्टी की ओर से दायर नामांकन फॉर्म में बतौर प्रस्तावर एक व्यक्ति का नाम होना ही काफी है.