बीते कुछ सालों में जन्म के बाद बच्चों को फार्मूला मिल्क यानी पाउडर वाला दूध पीलाने का चलन काफी बढ़ गया है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि फार्मूला मिल्क बच्चों की सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है. हाल ही में फार्मूला मिल्क के सैंपलों की एक जांच के दौरान कंज्यूमर रिपोर्ट ने पाया है इनमें लीड ( सीसा ) और आर्सेनिक मौजूद है, जो छोटे बच्चों के लिए स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकते हैं. कंज्यूमर रिपोर्ट की जांच में लगभग सभी फार्मूले मिल्क के सैंपल में पॉलीफ्लोरोएल्काइल(पीएफए) भी पाए गए और एक में बिस्फेनॉल ए (बीपीए) और एक्रिलामाइड तक मिला है.
कंज्यूमर रिपोर्ट की जांच के बाद फार्मूला मिल्क बनाने वाली कई कंपनियों ने जांच के तरीकों पर सवाल खड़े किए हैं. उनका कहना है कि लीड और आर्सेनिक जैसी चीजें प्राकृतिक रूप से पर्यावरण में पाए जाते हैं और उनके फार्मूले सुरक्षित हैं. इनमें ऐसा कुछ नहीं है. लेकिन कंज्यूमर रिपोर्ट ने कहा कि लीड और आर्सेनिक मिले हैं जो खतरनाक हो सकते हैं. ॉ
कंपनियों से कहा गया है कि वह इनके बिना फार्मूला मिल्क बनाएं.कंज्यूमर रिपोर्ट की खाद्य सुरक्षा और अनुसंधान की प्रबंधत सना मुजाहिद ने कहा कि माता-पिता को इस रिपोर्ट से घबराना नहीं चाहिए, बल्कि फ़ॉर्मूला बदलने के बारे में अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए और बेहतर विकल्प पर ध्यान देने की जरूरत है.
फार्मूला मिल्क सेहत के लिए सुरक्षित नहीं
बच्चों का फार्मूला मिल्क में लीड का कोई भी लेवल सेहत के लिए सुरक्षित नहीं होता है. अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स का कहना है कि लीड बच्चों की सेहत के लिए खतरनाक होता है. यह कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है. 6 महीने तक के बच्चे के लिए केवल मां का दूध ही सुरक्षित है. यूएसए टुडे के साथ एक साक्षात्कार में, मुजाहिद ने स्वीकार किया कि जांच के दौरान पाए गए लीड जैसे तत्व पर्यावरण में पाए जाते हैं और खाद्य पदार्थों के संपर्क में आ जाते हैं, लेकिन वह चाहते हैं कि फ़ॉर्मूला मिल्क में यह बिलकुल मौजूद न हों.
इतने सैंपलों में मिला लीड
कंज्यूमर रिपोर्ट्स ने पाया कि टेस्ट किए गए 41 फ़ॉर्मूला मिल्क के सैंपलों में से 34 में लीड था, जो 1.2 पीपीबी से लेकर 4.2 पीपीबी तक था, जिसमें सबसे ज़्यादा लेवल एनफ़ामिल न्यूट्रामिजेन में पाया गया. हालांकि टेस्ट किए गए किसी भी फ़ॉर्मूला मिल्क के सैंपल में लीड का लेवल तय मानक से ज्यादा नहीं था. लेकिन इनका कम मात्रा में होना भी अच्छा नहीं है. दूसरी तरफ, फार्मूला मिल्क बनाने वाली कंपनियों का कहना है कि उन्होंने कभी भी जानबूझक ये केमिकल नहीं मिलाए हैं. ये पर्यावरण में मौजूद रहते हैं वहां से खाद्य पदार्थों में चले जाते हैं.