शुक्रवार को केंद्र सरकार ने सार्वजनिक परीक्षाओं में पेपर लीक और धोखाधड़ी से निपटने के लिए सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 पेश किया. यह कानून NEET और UGC-NET परीक्षाओं के पेपर लीक होने के बाद लाया गया. पेपर लीक को लेकर पूरे भारत में लाखों छात्र प्रभावित हुए हैं और लोगों में इसे लेकर काफी गुस्सा है. सरकार के पेपर लीक से निपटने के लिए लाए New anti-paper leak law में परीक्षा में गड़बड़ी को रोकने के लिए सख्त दंड दिए जाने प्रावधान हैं.
New anti-paper leak law में क्या है मुख्य प्रावधान:
धोखाधड़ी के लिए दंड: परीक्षा के दौरान अनुचित साधनों का उपयोग करते हुए पकड़े जाने वाले व्यक्तियों को कम से कम तीन साल की जेल हो सकती है, जिसे बढ़ाकर पाँच साल किया जा सकता है, और उस पर ₹10 लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता हैय यदि जुर्माना अदा नहीं किया जाता है, तो जेल की अवधि को और बढ़ाया जा सकता है.
परीक्षण एजेंसियों के लिए जुर्माना: परीक्षण एजेंसियों, या “सेवा प्रदाताओं” पर ₹1 करोड़ तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. इसके अतिरिक्त, उन्हें चार साल तक कोई भी सार्वजनिक परीक्षा आयोजित करने से रोका जा सकता है. कानून में इन एजेंसियों से परीक्षा की आनुपातिक लागत वसूलने का भी प्रावधान है.
वरिष्ठ प्रबंधन की जवाबदेही: परीक्षा में गड़बड़ी करने वाले वरिष्ठ प्रबंधन को 10 साल तक की कैद और ₹1 करोड़ का जुर्माना हो सकता है.
संगठित धोखाधड़ी दंड: संगठित धोखाधड़ी में शामिल लोगों को कम से कम पाँच साल जेल में, जिसे दस साल तक बढ़ाया जा सकता है, साथ ही कम से कम ₹1 करोड़ का जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
किसको मिलेगी छूट: यह कानून उन व्यक्तियों पर लागू नहीं होता है जो यह साबित कर सकते हैं कि अपराध उनकी जानकारी के बिना हुआ था और उन्होंने इसे रोकने की पूरी कोशिश की थी.